खागा, फतेहपुर। नगर के पंचमुखी हनुमान मंदिर के पीछे रेलवे क्रासिंग खागा में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा वाचक पं. आचार्य संदीप पाण्डेय ने बखान करते हुए कहा कि धर्म की रक्षा के लिए महाभारत का युद्ध लड़ा गया था। कुरुक्षेत्र में लड़े जाने के कारण इसे कुरुक्षेत्र का युद्ध भी कहा जाता है। इस युद्ध की सबसे विशेष बात यह थी कि इसमें भगवान श्रीकृष्ण स्वयं अर्जुन के सारथी बने थे। यह युद्ध कुल 18 दिनों तक चला था। उन्होंने दुर्याेधन से पांडवों को आधा राज्य देने का प्रस्ताव रखा और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की बात कही। लेकर दुर्याेधन ने इंकार कर दिया। श्री कृष्ण ने दुर्याेधन को धर्म और अधर्म के बीच अंतर समझाया और उसे युद्ध के बजाय शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए कहा। अर्जुन को युद्ध के लिए तैयार किया गया और उसे अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए प्रेरित किया गया। श्री कृष्ण ने अर्जुन को कर्म योग ज्ञान योग और भक्ति योग के बारे में बताया जो की जीवन में सफलता और शांति प्राप्त करने के रास्ते हैं। उन्होंने अर्जुन को सिखाया कि कर्म करना ही महत्वपूर्ण है परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए। इस अवसर पर बालकृष्ण त्रिपाठी, संतोष त्रिपाठी, डा. बृजेंद्र त्रिपाठी, सुरेन्द्र त्रिपाठी, बउवा त्रिपाठी, अनुपम दीक्षित, दिनेश दीक्षित, रजनी त्रिपाठी, श्रवण कुमार, जुगुल, रितेश दुबे आदि भक्तगण मौजूद रहे।
