प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री का चुनाव एक साथ हो

बार-बार इलेक्शन होते हैं लेकिन सेलेक्शन सही नहीं होता है। कभी जाति, धर्म के आधार पर मतदाता ठगा जा रहा है तो कभी लोक लुभावने वादे-इरादे दिखाकर वोट को पाले में लाने का प्रयास होता है। विकास का मुद्दा छूटता जा रहा है। बार-बार होने वाले चुनावों से जहां पूरी सरकारी मशीनरी को बार-बार कसरत करनी पड़ती है वहीं अत्यधिक धन भी बेमतलब खर्च होता है। चंदियाना मुहल्ले में हुई जागरण की चुनावी चौपाल में प्रबुद्ध मतदाताओं ने अपनी बात कुछ यूं रखा-

– वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. चेतन कपूर कहते हैं कि चुनाव आयोग द्वारा मात्र तीन दलों को मान्यता दी जाए, साथ ही उन्होंने प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री पद के लिए एक साथ चुनाव कराने की वकालत की।

– वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. ओपी अवस्थी कहते हैं कि सरकारें बदलती रहती हैं लेकिन योग्य व कर्मठ प्रतिनिधियों की बराबर कमी होती जा रही है। उन्होंने जाति, धर्म व संप्रदाय से ऊपर उठकर विकास के नाम पर वोट देने की बात कही।

– कोटेश्वर शुक्ल ने कहा कि शहर की सबसे बड़ी समस्या सीवरेज की है। अब तक इस समस्या से निजात नहीं मिल सकी। उन्होंने स्वास्थ्य-शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की बात कही।

सुदीप दीक्षित, डॉ. उमाशंकर तिवारी, देवेंद्र कुमार शुक्ल व शैलेंद्र कुमार अग्निहोत्री का मानना है कि मूलभूत समस्याओं के संवेदनशील प्रतिनिधि की दरकार है। शहर में अवैध प्ला¨टग की वजह से शहरी मुखौटा प्रभावित हो रहा है।
रविकांत मिश्र, रविशंकर अवस्थी, प्रभात त्रिपाठी व अनुज ¨सह चौहान ने कहा कि बरसाती मेढ़कों की तरह मात्र चुनाव दौरान ही नजर आने वाले प्रत्याशियों को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने जनपद में स्माल इंडस्ट्री हब बनाने की बात भी कही।
ममता तिवारी, दिव्या अवस्थी, राधा त्रिपाठी, डॉ. श्रद्धा अवस्थी व रेखा अवस्थी का मानना है कि महिला सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए जाएं। साथ ही महिलाओं के लिए रोजगार के साधन भी मुहैया हों।

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