फतेहपुर : बेसिक शिक्षा के 12460 पदों की भर्ती के लिए किए गए ऑनलाइन आवेदन में व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हो गया है। फर्जी अभिलेखों को ऑनलाइन आवेदन से जोड़ते हुए खुद को उच्च गुणांक का दावेदार दर्शाया गया है। हाल यह है पड़ताल में उजागर हुआ है कि जिस रोल नंबर की मार्कशीट लगाई गई है उसके रोल नंबर में बोर्ड व विश्व विद्यालय की साइट में दूसरे का नाम पता दर्ज है। फर्जीवाड़ा करने वाले भले ही बाद में कानून के शिकंजे में फंस जाएं, लेकिन मौजूदा समय में सैकड़ों प्रशिक्षु नौकरी की लाइन से बाहर खड़े हो जाएंगे।
शासन द्वारा सहायक अध्यापक भर्ती को हरी झंडी दी है, जिसके तहत जिले में 252 पदों के सापेक्ष 963 महिला-पुरुष प्रशिक्षुओं ने दावा किया है। 963 दावेदारों के बजाए 147 दावेदारों की सूची में भारी पैमाने पर शैक्षिक प्रमाण पत्रों से छेड़छाड़ करके नौकरी पाने का प्रयास किया है। रोल नंबर में हेरफेर के साथ लिंग भी बदले हुए दिख रहे हैं। भर्ती की ऑनलाइन दावेदारी और बोर्ड और विश्व विद्यालय की वेबसाइट की मिलान में हेराफेरी स्पष्ट दिख रही है। शुक्रवार को यह मामला उजागर होने से गुणांक से बाहर होने वालों में मायूसी के बादल दिखाई दिए। इन दावेदारों को समझ में नहीं आ रहा था कि वह इस फर्जीवाड़े से कैसे निपटें। बाद में एक शिकायती पत्र के जरिए आवेदकों द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की शिकायत डीएम समेत, जिला चयन समिति के अध्यक्ष डायट प्राचार्य, सचिव बीएसए सहित आला अफसरों को सौंपी गई है। अब देखना होगा कि यह आला अफसर किस तरह से इस फर्जीवाड़े से निपटते हुए होनहार बेरोजगार प्रशिक्षुओं को राहत दे पाते हैं। बीएसए विनय कुमार ¨सह ने कहाकि कि ऑनलाइन आवेदन करने वालों को काउंसि¨लग में शामिल करने से रोक नहीं सकते हैं। काउंसि¨लग के समय उनके द्वारा जो अभिलेख लगाए गए हैं वह मूल रूप से जमा कराए जाएंगे। इसके बाद इनका सत्यापन कराया जाएगा। जिसमें फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र लगाने का मामला पकड़ में आएगा। सत्यापन में शैक्षिक प्रमाण पत्रों के फर्जी पाए जाने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
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