गया। फतेहपुर थाना क्षेत्र में गत मार्च पुलिस के लिए चुनौती भरा रहा है। मार्च में फतेहपुर पुलिस की बोधगया में हुए बैक कैशियर से लूट में सभी अपराधियों सहित लूट के 25 लाख बरामदगी पर राज्य में नाम हुआ था। पर उसके बाद क्षेत्र में तेजी से अपराध का ग्राफ बढ़ गया। गत आठ दिनों में हत्या, चोरी, लूट की कई वारदात हो चुकी है। पर पुलिस को अपराधियों का सुराग नहीं मिल सका है। 24 मार्च को गणेशडीह से अपहरण के बाद नाबालिग की हत्या कर थाना से आधे किलोमीटर की दूरी पर शव को फेंक दिया गया था। उसमें आज भी पुलिस को ठोस सुराग नहीं मिला सका है। पुलिस अभी हत्या की गुत्थी सुलझाने में व्यस्त थी, कि अपराधियों ने सरकारी कार्यालय को ही निशाना बनाकर 27 मार्च की रात में प्रखंड कार्यालय के आरटीपीएस कक्ष से तीन मोनीटर, एक कंप्युटर सेट सहित अन्य समान की चोरी कर लिया। उसमें भी अभी तक पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका है।
31 मार्च को पुन: अपराधियों ने लूट की घटना को अंजाम दिया। पर दुकानदार ने केस दर्ज नहीं कराया। 31 मार्च की शाम जम्हेता मोड़ के पास दो हथियार बंद लुटेरों ने रिवाल्वर का भय दिखाकर दुकान में रहे रुपए से भरा बाक्स को लेकर पैदल ही फरार हो गये। पुलिस ने मौके पर जाकर छानबीन भी किया पर पिड़ीत दुकानदार अजय साव ने केस नहीं दर्ज कराया। थाना प्रभारी लालमणि दुबे के डेढ़ साल के कार्यकाल में यह महीना सबसे चुनौती पूर्ण है। इसके पहले भी जब उनका फतेहपुर थाना में तैनाती का वर्षगाठ था। तो 22 अगस्त की रात में अपराधियों ने जम्हेता बैंक के अन्दर स्थिति एटीएम से करीब 12 लाख की चोरी कर लिया था। उसके बाद पुन फतेहपुर बस स्टैड़ के पास रहे एटीएम को भी निशाना बनाया गया था। पर रात्रि प्रहरी के कारण चोरों को सफलता नहीं मिल सकी है। इन सभी मामले में पुलिस के पास कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।
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