फिल्म का टाइटल बदलने की शर्त पर भंसाली-राजपूत करणी सेना के बीच सुलह

मुंबई.संजय लीला भंसाली की टीम और करणी सेना में सुलह हो गई है। जानकारी के मुताबिक हाल ही में दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत में करणी सेना की गलतफहमियां दूर हुई हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीम ने बताया है, ‘फिल्म को लेकर अब कोई भी विवाद नहीं है। सेना ने फिल्म का नाम बदले जाने की मांग की है और भंसाली को नाम बदलने में कोई एतराज नहीं है।’ हालांकि एक ट्वीट में राजपूत सभा ने फिल्म रिलीज़ होने से पहले दिखाए जाने की मांग भी की है। भंसाली प्रोडक्शंस की सीईओ शोभा संत ने आश्वासन दिला दिया है कि अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच कोई भी ऐसा सीन नहीं फिल्माया गया है, जो आपत्तिजनक हो। टीम ने लिखित में यह आश्वासन दिया…
‘आपसे हुई चर्चा के अनुसार हम यह बताना चाहते हैं कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच कोई भी रोमांटिक सीन या ड्रीम सीक्वेंस नहीं है। हमने काफी रिसर्च की है आैर उम्मीद करते हैं कि इसे देखने के बाद मेवाड़ के लोगों को फिल्म पर गर्व होगा। हमारा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। हम चाहते हैं कि राजपूत संगठन भी फिल्म की प्रोडक्शन टीम और कलाकारों को नुकसान न पहुंचाए।’

यह था मामला
कुछ दिन पहले जयपुर में करणी सेना ने ‘पद्मावती’ के सेट पर उत्पात मचाया था। उनका आरोप था कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है। सेट पर तोड़फोड़ के बाद सेना ने भंसाली के साथ मारपीट भी की थी। सेना का कहना था अलाउद्दीन खिलजी फिल्म में एक सपना देखता है जिसमें वो रानी पद्मावती के साथ है, जबकि खिलजी और पद्मावती ने कभी एक दूसरे को आमने-सामने देखा ही नहीं आैर ना ही किसी किताब में भी ऐसे किसी सपने का कोई जिक्र है।

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