ढाका: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, सूफियों और ब्लॉगरों पर हमलों की कड़ी में अज्ञात हमलावरों के एक सूफी आध्यात्मिक गुरू और उसकी बेटी की बर्बर तरीके से हत्या करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने बताया कि खानकाह में गत रात फरहाद हुसैन चौधरी (55) और उसकी गोद ली हुई बेटी रूपाली बेगम के शव मिले. उनकी हत्या की गई थी. खानकाह सूफी लोगों के एकत्रित होने के लिए विशेष रूप से बनायी गयी इमारत है जो दिनाजपुर के बोचागंज उपजिले में मृत व्यक्ति के घर के करीब है.
ढाका ट्रिब्यून ने अपनी खबर में कहा, दोनों के शव पर गोलियों के निशान हैं और धारदार हथियार से युवती की गर्दन काटी गयी है.’ पुलिस ने बताया कि जब यह घटना हुई तब इलाके की बिजली गुल थी.
पीर या सूफी आध्यात्मिक गुरू फरहाद विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की सेताबगंज म्युनिसिपैलिटी इकाई के पूर्व अध्यक्ष भी थे.
बोचागंज पुलिस थाना प्रभारी हबीबुल हक ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. हक ने कहा कि अभी हत्या के मकसद का पता नहीं चला है. उन्होंने संदेह जताया कि यह इस्लामिक चरमपंथी हमला या राजनीतिक और निजी रंजिश का नतीजा हो सकता है.
बांग्लादेश में हाल ही के वर्षों में अल्पसंख्यकों, धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों, बुद्धिजीवियों और विदेशियों पर हमले बढ़ गये हैं.
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