भूमि पर कब्जा पाने को पांच दशक से भटक रहा ग्रामीण

रायबरेली : पट्टे की जमीनों पर गरीबों को कब्जा दिलाने में सरकारी महकमा दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। आवंटन के बाद गरीब कब्जा पाने को दफ्तरों की परिक्रमा करते हैं, लेकिन नौकरशाहों को उनकी पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है। पट्टे की जमीन पर कब्जा पाने को 50 साल से भट्क रहा शीतलदीन इसका उदाहरण है। डलमऊ तहसील क्षेत्र के पूरे कुम्हारन मजरे मेल्थुआ के रहने वाला शीतलदीन मजदूरी करता है। शीतलदीन के मुताबिक उसके पास खेती के लिए जमीन नहीं थी। करीब 50 साल पहले प्रशासन ने उसे एक बीघे कृषि योग्य भूमि का पट्टा दिया था। सरकारी दस्तावेजों में पूरी जमीन उसके नाम तो कर दी गई, लेकिन कब्जा सिर्फ आधी भूमि पर ही मिला। उसने बताया कि 20 बिस्वा भूमि पर वह खेती करता है, जबकि शेष जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है।

जमीन पर जबरन कराया कब्जा

डलमऊ तहसील क्षेत्र के दाउदपुर गड़ई की रहने वाली मीना ने सोमवार को मुख्यमंत्री को फैक्स के माध्यम से शिकायती पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। उसका आरोप है कि गांव की एक जमीन पर करीब 50 साल से उसका मकान बना हुआ है। इसी में उसका परिवार रहता है। बीते शनिवार को दो लेखपाल और एक सिपाही गांव आए और उसके मकान की बाउंड्री जबरन गिरवा दी। इतना ही नहीं रविवार को नए सिर से बाउंड्री बनवाकर एक व्यक्ति को कब्जा करा दिया। उसने मुख्यमंत्री से मामले में जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है।

बोले तहसीलदार होगी जांच

फरियादियों की शिकायतों की सुनवाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है। शीतलदीन और मीना की जमीन के मामले जानकारी नहीं है। पीड़ितों की ओर से लिखित शिकायत मिलने पर जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

सौरभ शुक्ला

तहसीलदार डलमऊ

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