अयोध्या: उत्तर प्रदेश के 7 में से 4 चरणों का मतदान पूरा हो चुका है. 5वें चरण में 9 ज़िलों की 52 सीटों पर 27 फ़रवरी को मतदान होना है. इन 52 सीटों में जिस सीट का सबसे बड़ा सांकेतिक महत्व है वो सीट है फ़ैज़ाबाद जिले की अयोध्या सीट. 2012 से पहले लगातार 25 सालों तक बीजेपी के लल्लू सिंह यहां से विधायक रहे लेकिन 2012 में सपा के पवन पांडे ने उन्हें हरा दिया था, जिसका इनाम उन्हें अखिलेश सरकार में मंत्री बना कर दिया गया. 2014 में बीजेपी ने अयोध्या से विधानसभा चुनाव हार चुके लल्लू सिंह को लोकसभा टिकट दिया और लल्लू सिंह मोदी लहर में जीत कर लोकसभा पहुंच चुके हैं. तो इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 2012 में बसपा से चुनाव लड़ चुके वेद प्रकाश गुप्ता को टिकट दिया है. वेद प्रकाश पहले सपा में रहे, फिर उन्होंने बसपा का दामन थामा और अब वो बीजेपी के साथ हैं. वेद प्रकाश से जब हम मिलने पहुंचे तो मीडिया को देखते ही उनके समर्थक जय श्री राम के नारे लगाने लगे.
वेद प्रकाश कहते हैं कि, “श्री राम के आशिर्वाद से ही उन्हें टिकट मिला है, राम मंदिर का मामला कोर्ट में है, पर अगर बीजेपी की सरकार आई तो वो अयोध्या का खोया हुआ गौरव वापस दिलाएंगे और वो सपा के मौजूदा विधायक पवन पांडे को वो आसानी से हरा देंगे.” उधर पवन पांडे भी अपनी सीट बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इस बार पहले जो टिकट शिवपाल सिंह ने बांटे थे, उनमें पवन पांडे का टिकट काट दिया गया था. लेकिन पार्टी की सत्ता अखिलेश के पास आने के बाद इन्हें फिर टिकट दे दिया गया.
पवन पांडे कहते हैं कि, “बीजेपी श्री राम के नाम पर लोगों को झूठ बोल कर राजनीती करती है पर यहां की जनता अखिलेश द्वारा किए गए विकास कार्यों की वजह से उन्हें वोट देगी.” पवन पांडे का खेल बसपा के मुसलमान प्रत्याशी बज़्मी सिद्दीक़ी बिगाड़ सकते हैं क्योंकि अयोध्या सीट पर कुल 35000 मुसलमान वोटर हैं जिसमें से ज्यादातर पिछली बार सपा के साथ गए थे. पर बज़्मी सपा के इस वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं बावजूद इसके बसपा इस सीट पर थोड़ा पीछे ही नज़र आती है. बीजेपी अयोध्या सीट किसी भी हालत में हारना नहीं चाहती है इसलिए ही राजनाथ सिंह से लेकर योगी आदित्यनाथ यहां पर रैलियां कर चुके हैं.