रैलियों में जाने के लिए 500 रु. लेते हो तो ठीक है, लेकिन वोट BJP को ही देना: पर्रिकर

मनोहर पर्रिकर से पहले केजरीवाल ने पैसे लेने वाला बयान दिया। इस पर ईसी ने उन्हें फटकार लगाई।
पणजी.अरविंद केजरीवाल के बाद अब रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने वोटर्स को पैसे (रिश्वत) लेकर अपनी पार्टी को वोट करने के लिए उकसाया। रविवार को कैम्पेन के दौरान पर्रिकर ने लोगों से कहा कि ये ठीक है कि आप लोग रैलियों में जाने के लिए कैंडिडेट्स से 500 रुपए लेते हो, लेकिन वोट बीजेपी को ही देना। केजरीवाल भी गोवा की रैली में ऐसा ही बयान दे चुके हैं। इसे लेकर रविवार को इलेक्शन कमीशन ने उनके खिलाफ एफआईआर का ऑर्डर दिया। पर्रिकर ने और क्या कहा…
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चिंबेल की झुग्गी बस्ती में प्रचार के लिए पहुंचे पर्रिकर ने कहा, ”मैं जानता हूं कि अगर कोई कैंडिडेट रैली करता है तो आप लोग उसके आसपास घूमने के लिए 500 रुपए लेते हो, इसमें कोई परेशानी नहीं। लेकिन यह बात जरूर याद रखना कि जब वोट करो तो कमल (बीजेपी का सिंबल) ही चुनना।”
– बीजेपी-कांग्रेस पैसे लेकर AAP कैंडिडेट्स को वोट देने की अपील वाले केजरीवाल के बयान को इलेक्शन कमीशन ने माॅडल कोड ऑफ कंडक्ट का वॉयलेशन माना और उन्हें कड़ी फटकार लगाई थी।
– कमीशन ने 19 जनवरी तक उनसे जवाब दाखिल करने को कहा था। इसके बाद केजरीवाल के खिलाफ केस दर्ज कराने का ऑर्डर स्टेट पोल अथॉरिटी को दिया।
केजरीवाल ने गोवा में क्या कहा था?
– दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के स्टार कैम्पेनर केजरीवाल ने 8 जनवरी को गोवा की एक रैली में पैसे लेने वाला विवादित बयान दिया था।
– उन्होंने कहा, “अगर बीजेपी या कांग्रेस वाले पैसे देने आएं तो उन्हें मना मत करना, क्योंकि ये आपके ही पैसे हैं। अपना समझकर चुपचाप रख लेना।”
– “यही नहीं अगर वे पैसे ऑफर ना भी करें तो उनके ऑफिस जाइए और पैसे की मांग कीजिए। और जब वोट डालने की बारी आए तो उनके खिलाफ आप के कैंडिडेट्स के लिए बटन दबाएं।”
– 16 जनवरी को भी ईसी ने केजरीवाल को शो-कॉज नोटिस जारी किया था। तब उन्होंने कहा था, “बीजेपी-कांग्रेस वाले पैसे बांटने आएंगे। महंगाई को देखते हुए आप लोगों को 5 हजार की बजाय 10 हजार के नए नोट मांगना चाहिए और वोट सिर्फ आप को ही देना है।”
– ईसी ने इन स्पीच की सीडी लोकल एडमिनिस्ट्रेशन से मांगी थीं और केजरीवाल को जवाब दाखिल करने के लिए ऑर्डर दिया था।
केजरी ने कहा- ईसी मुझे बयान की इजाजत दें
– केजरीवाल ने सीईसी नसीम जैदी को लिखे लेटर में कहा था, ”कमीशन मामले को रिव्यू करे और उन्हें फिर ऐसे बयान देने की इजाजत दे, ताकि जो वोटर्स को घूस देते हैं, उनकी पड़ताल हो सके। मैंने किसी को घूस लेने के लिए नहीं उकसाया।”
– आप संयोजक ने लिखा, ”सभी आरोप झूठे हैं। सच ये है कि मैं रिश्वत पर लगाम कसने की कोशिश कर रहा हूं। पूरा देश जानता है कि आम आदमी पार्टी का जन्म ही भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से लड़ने के लिए हुआ। हमने प्रण किया है कि इसे बाहर निकालकर ही दम लेंगे।”
– ”मैंने क्या गलत कहा? अगर मैं कहता कि वोट उसी पार्टी को दो, जिससे पैसे लिए तो ये रिश्वत कहलाती। मैंने तो ये कहा है कि ऐसी कैंडिडेट्स को वोट मत दीजिए, जो पैसे देकर वोट हासिल करना चाहते हैं।”
– केजरी ने दावा किया, ”मेरा बयान रिश्वतखोरी खत्म करेगा। जब पैसे बांटने वाली पार्टियों को इसके बाबजूद भी वोट नहीं मिलेंगे तो वो ऐसा करना बंद कर देंगी। दिल्ली में लोगों ने बीजेपी-कांग्रेस से पैसे लेकर आप को वोट दिया। अब वो ऐसा करने से पहले दो बार सोचेंगी कि पैसा तो बेकार गया।”
AAP की मान्यता भी रद्द कर हो सकती है: ईसी
– ईसी ने केजरीवाल को हिदायत देते हुए कहा था, “आप यह ध्यान रखें कि अगर आगे आचार संहिता का उल्लंघन जारी रखते हैं तो आपके और पार्टी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई भी शामिल है।’
– कमीशन ने आगे कहा था, “आगे से वह (केजरीवाल) चुनाव के दौरान अपनी स्पीच में संयम बरतेंगे और आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करेंगे।”
– “अगर ऐसा हुआ तो इलेक्शन सिंबल्स (रिजर्वेशन एंड अलॉटमेंट) एक्ट, 1968 के पैरा-16A के तहत आयोग किसी पार्टी की मान्यता खत्म या सस्पेंड करने का अधिकार रखता है।”

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