छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक बार फिर भालुओं ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। तीन भालुओं ने मिलकर सोमवार देर शाम एक आदिवासी नेता की हत्या कर दी। भालुओं ने उनके माथे को नोंच लिया और पैर को काट डाला। आदिवासी नेता अपनी मवेशियों को चराने के लिए जंगल में गया था। सूचना मिलने के बाद पुलिस और वन विभाग की टीम ने शव बरामद कर लिया है। उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
जंगल से लौटने के दौरान किया हमला
जानकारी के मुताबिक हादसा भानुप्रतापपुर में बड़गांव थाना क्षेत्र के उरपांजुर गांव में हुआ है। गोंडवाना समाज के बड़गांव सर्किल अध्यक्ष गणेश ध्रुव मवेशियों और गायों को जंगल में चराने के लिए लेकर गए थे। बताया जा रहा है कि जंगल से लौटने के दौरान तीन भालुओं ने उन पर हमला कर दिया। इनमें एक मादा भालू और दो शावक शामिल थे। अचानक हुए हमले से गणेश ध्रुव को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
वन विभाग का अलर्ट जारी
तीनों भालुओं ने मिलकर गणेश ध्रुव को बुरी तरह से मार दिया। उनके माथे को नोंच डाला और पैर को काट दिया। बताया जा रहा है कि काफी देर तक गणेश ध्रुव वहीं तड़पते रहे और फिर उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी मौत के बाद से अंदरूनी गांवों में दहशत का माहौल है। वन विभाग की ओर से लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। वहीं भालुओं को भी आबादी क्षेत्र से हटाने के प्रयास जारी है। फिलहाल भालुओं का अभी पता नहीं है।
भालुओं के साथ शहर में तेंदुओं की भी दहशत
शहर से सटे इलाको में भालू के बाद तेंदुए की दहशत भी देखी जा रही है। देर रात शहर से नजदीक दो गांव में तेंदुए सड़क किनारे घूमते दिखाई दिए हैं। जिला मुख्यालय से 5 किमी दूर नरहरपुर मार्ग में डुमाली गांव के पास 3 तेंदुए रात करीब 9 बजे सड़क किनारे दिखाई दिए। वहीं सिदेसर गांव के नजदीक भी एक तेंदुआ नजर आया है। क्षेत्र के लोग पहले ही भालूओं से परेशान हैं। अब तेंदुए भी बेहद नजदीक तक पहुंच रहे हैं।