फतेहपुर। इस वर्ष सूर्यग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन नहीं मनाई गई। बुधवार को समूचे जनपद में गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाई गई। महिलाओं ने घर के आंगन पर गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाकर पूजा-अर्चना की। तत्पश्चात भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट से भोग लगाकर सुख-समृद्धि की कामना की।
गोवर्धन पूजा को लेकर सुबह से ही महिलाओं ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली। घर के आंगन व बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाया और सभी महिलाओं ने बैठकर रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर भगवान गोवर्धन का पूजन-अर्चन किया। तत्पश्चात अन्नकूट (56 या 108 तरह के पकवान) से भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाया। मान्यता यह है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। श्रीकृष्ण ने इन्द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते हैं। कुछ लोग गाय के गोबर से गोवर्धन का पर्वत मनाकर उसे पूजते हैं तो कुछ गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान को जमीन पर बनाते हैं।