भगवान राम के पद चिन्हों पर चलने का लें संकल्प: शंकराचार्य – जगतगुरू शंकराचार्य ने दूसरे दिन रामलीला का किया शुभारंभ – आज होगा लक्ष्मण परशुराम संवाद, उमड़ा जनता का सैलाब
फतेहपुर। मलवां विकास खंड के अन्तर्गत ग्राम रेवाड़ी बुजुर्ग में नवयुवक जागरण कमेटी के तत्वाधान में 22 वर्षों से लगातार चल रही तीन दिवसीय श्री रामलीला महोत्सव के दूसरे दिन कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि कनिष्ठ जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज जी (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राम जन्म भूमि मन्दिर निर्माण न्यास अयोध्या एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्व हिन्दू जागरण परिषद) ने श्री रामलीला महोत्सव मे दूसरे दिन प्रतिभाग करके राम दरबार की आरती कर कार्यक्रम शुभारंभ किया। शंकराचार्य स्वामी ने कहा कि रामलीला देखने से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के पद चिन्हों पर चलने का ज्ञान प्राप्त होता है।
रामलीला मंचन पर राम केवट संवाद, दशरथ मरण सहित आदि पाठों पर कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया गया। भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनगमन के लिए जब प्रस्थान करते हैं तो उनकी भेंट केवट से होती है। केवट का संबंध भोईवंश से था और मल्लाह का काम किया करता था। रामायण में केवट का वर्णन प्रमुखता से किया गया है। केवट ने सबकुछ मांग लिया जो सार्थक था। वह बिल्कुल इस चक्कर मे नहीं पडे़ कोई भौतिक वस्तु मांगें धन वैभव परिवार कुछ नहीं। उनके सामने भगवान राम ही नहीं हैं, रघुवंश के उत्तराधिकारी भी खड़े हैं। आज नहीं तो कल उनको सब कुछ मिल सकता था। उन्होंने पूरी बुद्धि लगा दी कि गुरु यही मौका है, अपना उद्धार कर लो। इसको सूक्ष्मता से देखिये तो वह हर शब्द में अपनी बुद्धि लगाई है प्रमुख रूप से रामसनेही पांडेय, पीयूष दीक्षित, प्रशांत पांडेय, रवि मिश्रा, अजीत सैनी, पंकज पांडेय, पम्मू मिश्रा, महेश सोनकर (पूर्व प्रधान), पप्पी विश्वकर्मा, नीलू अग्निहोत्री, शिवेंद्र सिंह राजावत, शरद अग्निहोत्री सहित कमेटी के सभी सदस्य और हजारो की संख्या मे लोग मौजूद रहे।