दिल्ली-एनसीआर में पराली का धुआं और स्थानीय प्रदूषण लोगों का दम घोंट रहा है। केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के मुताबिक, पराली जलाने से उठना वाला धुआं और स्थानीय स्तर पर होने वाला प्रदूषण दिल्ली-एनसीआर में हवा के खतरनाक होने का कारण साबित हुआ है। सतही हवा अपने साथ पराली का धुआं भी दिल्ली-एनसीआर लेकर पहुंच रही है, जिससे प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी दर्ज हो रही है।
सफर के मुताबिक, 2.5 से बड़े कणों की पीएम 10 में 58 फीसदी हिस्सेदारी दर्ज हुई है। पीएम 10 का स्तर 427 व पीएम 2.5 का स्तर 249 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया। रोक के बावजूद पंजाब में 1842, हरियाणा में 88, उत्तर प्रदेश में नौ, दिल्ली में एक, मध्यप्रदेश में 142 और राजस्थान में 27 जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं रिकॉर्ड हुई हैं। इससे एक दिन पहले पंजाब में 2131 और हरियाणा में 70 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं।