श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ में रविवार रात दर्दनाक हादसे में 4 दोस्तों की मौत हो गई थी। इनमें दो सगे भाई थे। सोमवार को सभी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। चारों युवक अपने दोस्त का जन्मदिन सेलिब्रेट करने गए थे। इधर, इस हादसे से पहले चारों दोस्तों के सेलिब्रेशन का वीडियो भी सामने आया है। इसमें सभी जश्न मनाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
चारों में से एक जितेंद्र का बर्थडे था। उस दिन दो बार केक काटकर जन्मदिन मनाया। सभी दोस्तों ने बर्थडे से पहले की रात को ही सेलिब्रेट करने की योजना बनाई थी। इसलिए 5 नवंबर की रात को 12 बजे अनूपगढ़ के मुख्य बाजर में स्विफ्ट कार के बोनट पर रखकर केक काटा गया। जितेंद्र को सभी ने केक खिलाया और चेहरे पर लगाकर विश किया। कार में लाउड म्यूजिक बजाकर डांस भी किया।
अगले दिन 6 नवंबर को फिर सेलिब्रेशन की प्लानिंग थी। रविवार शाम को अपने-अपने काम से फ्री होने के बाद सभी दोस्त रात करीब 10 बजे अनूपगढ़ से निकले। 10 किलोमीटर दूर बांडा गांव के पास ग्रीन स्टार होटल में पहुंचे। यहां रात 11 बजे केक काटा गया और पार्टी की। सेलिब्रेशन के बाद होटल से वापस लौट रहे थे, इस दौरान कार गांव 87 जीबी के पास रात 1.30 बजे डिवाइडर से टकरा गई।
हादसे में कार बुरी तरह पिचक गई। कार को काटकर पांचों दोस्तों निकाला गया। इस भीषण हादसे में सभी की मौत हो गई। सोमवार दोपहर 2 बजे के आसपास चारों शवों का कल्याण भूमि में एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। चार चिताएं एक साथ जलती देख हर किसी आंखें नम हो गई। इस दर्दनाक घटना को लेकर पूरे अनूपगढ़ शहर में शोक की लहर है। वहीं, पांचवां दोस्त वसीम अकरम श्रीगंगानगर जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच में जूझ रहा है।
2 सगे भाई हुए मौत के शिकार
इस दुर्घटना के शिकार हुए अंकुश और जितेंद्र सगे भाई थे। रात को राहगीरों ने परिजनों को दुर्घटना की सूचना दी। सूचना मिलने पर परिजन राजकीय चिकित्सालय पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके दोनों बेटों की मौत हो चुकी है। अंकुश व जितेंद्र दोनों भाई अनूपगढ़ की बीकानेर रोड पर पान की दुकान करते थे। अब अंकुश और जितेंद्र के घर पर केवल उसके माता-पिता रह गए।
4 बहनों को छोड़ गया अकेला
हादसे में साहिल जुनेजा की भी मौत हो गई। साहिल जुनेजा अपने चार बहनों का इकलौता भाई था। काफी समय पहले साहिल जुनेजा के माता-पिता की भी मौत हो चुकी थी। साहिल जुनेजा अब अपनी नानी के पास रहता था। साहिल जुनेजा की चारों बहनों का विवाह हो चुका है और साहिल जुनेजा अनूपगढ़ में फ्रूट का काम करता था। साहिल जुनेजा के माता-पिता के चार लड़कियां होने के बाद काफी मन्नते मांग कर साहिल को पाया था। मगर इस हादसे ने बहनों और फिर अकेला छोड़ दिया।
पिता ने बेटे के लिए देखे थे सपने मगर सपने हुए चकनाचूर
हादसे का शिकार हुए रोहित बाघला के पिता टोफियां सप्लाई करने का काम करते है। BA तक पढ़ाई करवाने के बाद मोबाइल रिपेयरिंग की ट्रेनिंग दिलवाई थी। कुछ दिन पहले ही मोबाइल शॉप पर काम करने लगा था। अब उसके परिवार में माता पिता दादी ,छोटा भाई कृष्णा है।