लखनऊ,। प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ.प्र. पावर कारपोरेशन लि. के अध्यक्ष, आलोक कुमार ने आज मध्यांचल डिस्काॅम के 19 जिलों में विद्युत सुधार के कार्यों की समीक्षा में अधिकारियों के जमकर पंेच कसे। उन्होंनें उदय योजना की प्रगति पर गहरा असन्तोेष व्यक्त किया। उन्होंनें कहा कि भारत सरकार ने स्पेष्ट कर दिया है कि यदि विद्युत चोरी रोककर उदय योजना के अन्तर्गत लाइन हानियों को निर्धारित सीमा के नीचे नहीं लाया गया तो फायनेन्स कम्पनियों से पैसा नहीं मिलेगा। इससे वितरण कम्पनियों को आर्थिक समस्या से जूझना पड़ेगा। उदय योजना पर उन्होंनें मध्यांचल डिस्काॅम के प्रजेन्टेशन पर असहमति व्यक्त करते हुये अधीक्षण अभियन्ता को जमकर लताड़ा। उन्होंनें कहा कि मध्यांचल डिस्काम का कार्य बहुत ही असन्तोशजनक है। लेजराइजेशन की प्रगति पर उन्होंने फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर, बहराइच तथा गोण्डा में हुये कार्यों पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुये चेतावनी दी कि एक सप्ताह के अन्दर लेजराइजेशन का कार्य सन्तोेषजनक नहीं हुआ तो अधीक्षण अभियन्ताओं पर जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि 10 किलोवाट के ऊपर के विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत उपभोग की विस्तृत मानीटरिंग के लिये पूरे प्रदेश में डिस्काम स्तर पर एच.बी. सेल गठित किया जायेगा। यह सेल बड़े उपभोक्ताओं का आॅन लाइन डाटा माइनिंग के आधार पर एनालिसिस कर अनियमितता की परख करेगा साथ ही एम.आर.आई. रिपोर्ट पर अधिषाशी अभियन्ता (परीक्षण) के द्वारा क्या कार्यवाही की गयी इस पर नजर रखेगा। मीटर से छेड़छाड़ कर विद्युत चोरी, ट्रिपिंग तथा बिना मीटर के सप्लाई आदि के मामले चिन्हित कर उस पर कार्यवाही भी सुनिश्चित करायेगा। उन्होंनें निर्देशित किया कि चोरी रोकने के लिये डिस्काॅम स्तर पर हर जिले में विशेष टीमों का गठन किया जाये। जिसमें अवर अभियन्ता, लाइनमैन तथा एक संविदाकर्मी नियुक्त कर लिया जाये। यह टीमें मुख्यतः विद्युत चोरी रोकने एवं डिस्कनेक्शन का कार्य करेगी। अगले दो हफ्ते में पूरे डिस्काॅम में ऐसी टीमें गठित हो जाये। मीटर चेक करने के लिए अधिकृत एजेन्सीज को हायर कर लिया जाये। इन टीमों को प्रति केस रेवन्यू रिलाइजेशन फिक्स राशि, तथा इन्वेन्टिर पर रखा जायेगा। प्रदेश की बिजली व्यवस्था में सुधार लाने के लिये प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ.प्र. पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष, आलोक कुमार ने आज मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अभियन्ताओं के साथ बिजली की नब्ज टटोली। सुबह 10 बजे से प्रारम्भ इस बैठक में कारपोरेशन की प्रबन्ध निदेशक, अपर्णा यू0 तथा मध्यांचल डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक, संजय गोयल, 19 जिलों के अधीक्षण अभियन्ता व मुख्य अभियन्ता मौजूद थे। बैठक में घर-घर बिजली कनेक्शन, राजस्व वसूली, बिलिंग, लेजराइजेशन तथा विद्युत चोरी रोककर लाइन हानियाँ कम करने के मुद्दे पर प्रमुख सचिव ने विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने निर्देषित किया कि 10 किलोवाट से ऊपर का कोई विद्युत कनेक्शन बिना मीटर के नहीं दिया जायेगा और उनका लेजराइजेशन भी सुनिश्चित करें। यदि किसी ने बिना मीटर के कनेक्शन स्वीकृत किया तो सम्बन्धित अधिकारी पर कार्यवाही होगी। उन्होंनें प्रदेश में उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन की एम.आर.आई. की रिपोर्ट पर कार्यवाही में धीमी प्रगति पर सख्त असन्तोश व्यक्त किया। उन्होंनें मध्यांचल डिस्काॅम के प्रबन्धन को निर्देशित किया कि एम.आर.आई. रिपोर्ट में संदिग्ध चोरी एवं अन्य अनियमितताओं की संभावना चिन्हित करने के बाद भी कार्यवाही नहीं हो तो वहाँ के अधिषाशी अभियन्ता टेस्ट के विरूद्ध जिम्मेदारी तय की जाये। उन्होंनें मध्यांचल के निदेशक (वाणिज्य) को एम.आर.आई. रिपोर्ट पर अभी तक प्रभावी कार्यवाही में शिथिलता में जमकर झाड़ लगायी।