दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां दो युवकों ने एक कुत्ते को फांसी के फंदे से लटकाकर मार डाला। इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने युवकों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया है। यह घटना लोनी इलाके के पास ट्रॉनिका सिटी के इलाइचीपुर का बताई जा रही है।
33 सेकंड का है वीडियो
वायरल वीडियो 33 सेकंड का है। क्लिप में दिख रहा है कि दो शख्स एक कुत्ते को जंजीर से बांधकर फांसी के फंदे पर लटका रहे हैं। दोनों ने हाथों में रस्सी का एक-एक सिरा भी पकड़ा हुआ है, जिसे वह अपनी ओर पूरी ताकत से खींच रहे हैं, ताकि कुत्ता बच न सके। इस बीच एक व्यक्ति आता है और दोनों युवकों से बात करता है। जब युवकों को लगता है कि कुत्ते का दम घुट गया है तो वह आराम से खड़े होकर बात करने लग जाते है, जबकि कुत्ता फंदे पर लटका हुआ रहता है।
बीते एक दिन से वायरल हो रहा यह वीडियो लगभग तीन महीने पुराना है। यह मामला पुलिस के पास पहुंचने के बाद ग्रामीण सहमे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जिसे कुत्ते को फंदे पर लटकाया गया, उससे गांव के लोग परेशान थे। तभी युवकों ने आपस में मिलकर उसे मारने का प्लान बनाया था।
कई लोगों को काट चुका था कुत्ता
गांव के ही सुमित ने बताया कि कुत्ता बच्चों, बुजुर्गों सहित कई लोगों को काट चुका था। उसे कोई बीमारी हो गई थी, जिसके बाद वह पागल सा हो गया था। हालांकि, बेजुबान को इस बेरहमी से मारना गलत है।
अभी तक मामला दर्ज नहीं
ट्रोनिका सिटी पुलिस का कहना है कि वायरल वीडियो का संज्ञान लिया गया है। जो दो युवक वीडियो में दिख रहे हैं। उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है। अभी इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए कोई FIR दर्ज नहीं की गई है। अभी ग्रामीणों से भी बातचीत की जा रही है। वह भी कह रहे हैं कि कुत्ता बीमार था। लोगों को काटने लगा था। कोई कुत्ते के पास जाता भी नहीं था। अब पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बीते 12 जुलाई को कैसरबाग के बंगाली टोला में रहने वाली सुशीला त्रिपाठी अपने पालतू पिटबुल को खाना देने गई तो उसने उनके ऊपर हमला कर दिया। उसने महिला को 13 जगह काट लिया था। सुशीला नारी शिक्षा निकेतन से रिटायर्ड थीं। काटने के बाद चीख-पुकार होने पर सुशीला का बेटा अमित भागकर कमरे में पहुंचा। उसने देखा कि मां को कुत्ते ने गंभीर रूप से जख्मी कर दिया है। पेट के साथ चेहरे पर भी हमला किया है। आनन-फानन में जख्मी सुशीला को बलरामपुर अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां से उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। जहां उनकी मौत हो गई थी।