मच्छरदानी, ऑल आउट और हिट की डिमांड 10 गुना बढ़ी, डिमांड के मुताबिक सप्लाई देना मुश्किल

 

 

डेंगू , मलेरिया और चिकन गुनिया ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। इससे लखनऊ में बचने के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान, दवा और फलों की डिमांड 10 गुना तक बढ़ गई है। स्थिति यह है कि बाजार में माल की कमी पड़ गई है। होल सेल कारोबारियों का कहना है कि डिमांड इतनी है कि उसको पूरा करना मुश्किल हो गया है। मच्छरदानी, ऑल आउट और हिट की सबसे ज्यादा डिमांड बढ़ी है।

वहीं दवाओं में बात करें तो पेरासिटामोल की डिमांड भी 40 से 50% तक बढ़ी है। जबकि एक महीने पहले तक 20 रुपए में मिलने वाली कीवी शहर के अलग-अलग इलाकों में 33 से 50 रुपए प्रति पीस तक मिल रही है।

मच्छरदानी की डिमांड इतनी कि सप्लाई नहीं दे पा रहे
अमीनाबाद में मच्छरदानी का काम करने वाले शुभ कपूर बताते हैं कि मच्छरदानी की डिमांड इतनी बढ़ी है कि कई बार तय समय पर सप्लाई नहीं दे पाते हैं। स्थिति यह है कि अगर कोई रिटेल कारोबारी 100 पीस मांगता है तो उसको 50 पीस देना पड़ता है। बाकी माल दूसरे को दिया जाता है। उन्होंने बताया कि उनके यहां 180 से 1200 रुपए तक की मच्छरदानी है। इसमें कम रेंज वाली मच्छरदानी अब मिलनी मुश्किल हो रही है। करीब 7 से 10 गुना तक अचानक डिमांड बढ़ गई है। उनके यहां अगर 100 कस्टमर आते हैं तो उसमें 95% लोग मच्छरदानी खरीदने के लिए आते हैं।

नया ऑर्डर देना पड़ा है
गीता वस्त्रालय के मालिक प्रभु जालान कहते हैं कि बिक्री काफी बढ़ी है। स्थिति यह है कि होल सेलर से दोबारा माल मंगाना पड़ गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक ठंड नहीं आई है। इसकी वजह से कंबल का काम नहीं बढ़ा है। हालांकि मच्छरदानी की वजह से कारोबार ठीक चल रहा है।

हिट और बाकी स्प्रे नहीं मिल रहे
अमीनाबाद के होल सेल कारोबारी विनोद अग्रवाल बताते हैं कि हिट और बाकी कोई भी स्प्रे जो मच्छर मारने का काम करते हैं, मार्केट में बहुत मुश्किल से मिल रहे है। स्थिति यह है कि माल मंगाते ही खत्म हो जाता है। 110 से 400 रुपए रेंज तक मॉस्किटो किलर स्प्रे आते हैं, लेकिन किसी की भी डिमांड के अनुसार सप्लाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों में ऐसी डिमांड लखनऊ और आस- पास के जिलों में नहीं रही है। खराब से खराब ब्रांड का माल अभी बिक जा रहा है।

40% बढ़ी दवाओं की डिमांड
मच्छरदानी और बाकी सामान की तरह दवाओं की डिमांड भी 40% बढ़ गई है। लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी मयंक रस्तोगी बताते हैं कि पेरासिटामोल की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ी है। पिछले एक महीने की बात करें तो 40 से 50% डिमांड बढ़ी है। हालांकि बाजार में माल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उसकी वजह से कमी नहीं है, लेकिन अगर बीमारों की संख्या में कोई कमी नहीं की आने वाले दिनों में कमी आ सकती है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.