डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या खतरे की घंटी – अब तक 59 डेंगू रोगियों की पहचान का स्वास्थ्य महकमे ने किया दावा

फतेहपुर। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से डेंगू रोगियों की बढ़ती तादात स्वास्थ्य महकमे के अलावा जिला प्रशासन के लिये खतरे की घंटी है। मरीज़ों की संख्या में इज़ाफ़ा न सिर्फ व्यवस्थाओं व सुधारों की पोल खोल रहा बल्कि मरीज़ों की बढ़ती संख्या से अस्पताल प्रशासन को भी व्यवस्थाओ बढ़ाने व हर तरह की तैयारी रखने का भी संकेत दे रहा है। स्वाथ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 59 डेंगू मरीज़ों की पुष्टि करने के साथ ही इलाज के दावे तो किये जा रहे है वहीं जानकारों की माने तो पीएचसी सीएचसी में एंटी बायोटिक्स दवाओं तक की कमी है। मरीज़ों के इलाज के लिये पैरासीटामाल पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सुनील भारतीय के अनुसार डेंगू रोगियों के इलाज के लिये जिला चिकित्सालय में डेंगू डेडिकेटेड विंग बनाया गया है जहां मरीज़ों को इलाज दिया जा रहा है। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में वायरल इंफेक्शन जुखाम, बुखार कमर दर्द आदि बीमारियों से पीड़ित मरीज़ों की संख्या हर गांव में देखी जा सकती है। मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिये जिला मलेरिया विभाग दवाइयों के छिड़काव व निरोधक कार्रवाई की बात तो कर रहा है लेकिन रोगियों की बढ़ती संख्या सरकारी महकमे के प्रयासों और इंतेज़ाम के नाकाफ़ी होने व बीमारी के प्रकोप के बढ़कर भयावह होने की आशंकाओं को लगातार बल दे रहे है।
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इस बार धाता बना रेड ज़ोन
फतेहपुर। पिछले वर्ष जहां अमौली व खजुहा डेंगू मलेरिया को लेकर रेड ज़ोन में थे। वहीं सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस बार अभी तक सबसे अधिक 12 मरीज़ धाता क्षेत्र में मिलने से स्वाथ्य विभाग ने धाता ब्लाक को रेड ज़ोन घोषित किया है।
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एक रोगी की मौत के बाद जागा महकमा
फतेहपुर। मलवां ब्लाक के गोधरौली में डेंगू से पीड़ित एक रोगी की मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव जाकर रोगियों को बुलाकर जांच की व दवाइयां वितरित की गई। मलेरिया रोगियों की पहचान के लिये स्लाइड भी तैयार की गई। इसके अलावा डेंगू मलेरिया से बचाव के लिये लोगो को जागरुक भी किया जा रहा है।
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अब तक 59 रोगियों की हुई पहचान
फतेहपुर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक 59 मरीज़ों की पुष्टि की जा चुकी है। वहीं जानकारो की माने तो निजी अस्पतालों व अन्य जिलों में इलाज कराने वालों की संख्या के अलावा घरो में रहकर झोलाछाप के इलाज कराने वालों की संख्या को मिला दिया जाय तो वास्तविक आंकड़े सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा हो सकते हैं।
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गांव-गांव जाकर रोगियों की पहचान की ज़रूरत
फतेहपुर। डेंगू मलेरिया के कहर को रोकने के लिये स्वास्थ्य विभाग को गांव-गांव जाकर डेंगू रोगियों व बुखार से पीड़ितों के स्वास्थ्य परीक्षण कर उनकी पहचान करने की ज़रूरत है। इसके अलावा मच्छरजनित रोगों की रोकथाम के लिये वृहद स्तर पर दवाइयों का छिड़काव किया जाना बेहद ज़रूरी है।

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