मुंबई। भारी बारिश से बेहाल मुंबई में हाई टाइड का खतरा मंडरा रहा है। समुद्र में पांच मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। अगर हाई-टाइड के दौरान शहर में मूसलाधार बारिश होती है तो इससे लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, मुंबई के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। हाई टाइड के कारण 15 मीट्रिक टन कचरा तटों के किनारों और सड़कों पर आ गया। सबसे अधिक कचरा मरीन ड्राइव के पास निकला, जिससे वहां यातायात प्रभावित हुआ। हाई टाइड समंदर के स्तर में छोटी अवधि में आने वाले बदलावों का सबसे बड़ा स्रोत होती हैं, लेकिन तेज हवाओं व बैरोमैट्रिक दबाव में आने वाले बदलाव का असर भी समंदर के स्तर पर पड़ता है। इसकी वजह से समंदर में तूफान भी उठते हैं।
टाइड बनने की वजह चंद्रमा या उसका गुरुत्वाकर्षण बल है और सूर्य का ग्रैविटेशनल इफेक्ट भी इसमें अहम भूमिका अदा करता है। लहरों की ताकत तटीय बदलाव में सबसे अहम साबित होती है। ये लहरें समंदर की सतह पर चलने वाली तेज हवाओं से बनती है। जब समंदर के करीब हवा बहती है तो घर्षण पैदा होता है जिससे पानी में उभार जैसी स्थिति बनती है। देश की वित्तीय राजधानी मुंबई अब भी बारिश के कहर का सामना कर रही है, जबकि महाराष्ट्र के आधा दर्जन जिले सूखे पड़े हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मुंबई में औसत से 831 फीसदी (आठ गुना से अधिक) ज्यादा बारिश हुई। उधर, महानगर के रेलवे स्टेशनों पर फंसे सैकड़ों यात्रियों को नौसेना ने सुरक्षित निकाला। मौसम विभाग के अनुसार, मुंबई के उपनगरों में मंगलवार को 184.3 मिमी (सात इंच) बारिश हुई, यह 19.4 मिमी के सामान्य स्तर से 850 फीसदी ज्यादा रही। इसी तरह मुंबई शहर में 165.8 मिमी बारिश हुई, यह 17.8 मिमी के औसत से 831 फीसदी ज्यादा है। महानगर में भारी बारिश के बाद भी लोकल ट्रेनें बंद नहीं हुई, सड़क या हवाई यातायात भी बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ। हालांकि अधिकांश स्कूल-कॉलेज बंद रहे।