सऊदी अरब सरकार ने 10 दिनों में 12 लोगों को दी सजा-ए-मौत, कई के काटे सिर

 

15 नवंबर 2022 को सऊदी अरब में गुलजार खान नाम के एक पाकिस्तानी शख्स के सिर को धड़ से अलग कर दिया गया। इस सप्ताह गुलजार तीसरा पाकिस्तानी शख्स था, जिसे सऊदी में मौत की सजा मिली। पिछले 10 दिनों में 12 लोगों के सिर को धड़ से अलग करके यहां मौत की सजा दी गई है।

सबसे पहले जानिए पूरा मामला क्या है?
1 सितंबर 2022 को सऊदी अरब पुलिस ने रियाद के एक वेयर हाऊस से 4.60 करोड़ नशीली गोलियों के साथ 8 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें 2 लोग पाकिस्तान और 6 सीरिया के थे। सऊदी प्रशासन ने तुरंत इस पर एक्शन लिया।

इसके बाद दो महीने में गुलजार खान समेत 12 लोगों के खिलाफ कई मामलों में यहां की सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चला। 14 नवंबर को कोर्ट ने प्रतिबंधित नशीली दवाओं की तस्करी में इन सभी को दोषी पाते हुए मौत की सजा सुनाई।

सऊदी अरब प्रेस एजेंसी के मुताबिक मौत की सजा पाने वालों में 3 पाकिस्तान, 4 सीरियाई, 2 जॉर्डन और 3 सऊदी अरब के नागरिक थे।

दरअसल, शरिया कानून और इस्लामिक लॉ के तहत यहां किसी तरह की नशीली दवा रखना या खरीदना-बेचना अपराध है। इस तरह के आरोप में दोषी पाए जाने पर सऊदी में मौत की सजा दी जाती है।

शरिया लॉ की वजह से सऊदी में कठोर कानून
UK सरकार ने अपनी सरकारी वेबसाइट पर ट्रैवल एडवाइजरी में कहा है कि सऊदी अरब दुनिया के उन देशों में है, जहां सबसे ज्यादा कठोर कानून हैं। इसकी वजह यहां शरिया लॉ का लागू होना है।

सऊदी प्रशासन का मानना है कि शरिया कानून के हर शब्द का एक धार्मिक महत्व है। यहां के शरिया लॉ में भगवान के हवाले से कई कानूनों के लिए सजा का प्रावधान है। इन कानूनों के तहत आने वाले गुनाहों को सीधे भगवान की खिलाफत करना समझा जाता है। शरिया कानून में जिंदगी जीने का रास्ता बताया गया है। सभी मुसलमानों से उम्मीद की जाती है कि वो इन्हीं कानूनों के हिसाब से अपनी जिंदगी जीएंगे।

एक मुसलमान के दैनिक जीवन के हर पहलू, यानी उसे कब क्या करना है और क्या नहीं करना है का रास्ता शरिया कानून है। शरिया में पारिवारिक, वित्त और व्यवसाय से जुड़े कानून शामिल हैं।

शराब पीना, नशीली दवाओं का इस्तेमाल करना या तस्करी करना यहां शरिया कानून के तहत सबसे बड़े अपराधों में से एक है। जब कोई शख्स इस कानून को तोड़ता है तो उसे ईश्वर के खिलाफ किया गया अपराध माना जाता है। यही वजह है कि यहां इन अपराधों में कड़ी सजा के नियम हैं।

सऊदी अरब के कानून में 3 तरह से दी जाती है मौत की सजा
सऊदी अरब में मौत की सजा शरिया के हुदूद कानून के तहत दी जाती है। यहां ताजिर कानून में मौत की सजा देने के तरीकों का जिक्र किया गया है, जिसके तहत 3 तरह से मौत की सजा दी जाती है…

1. धारदार हथियार से सिर को धड़ से अलग करके।

2. फांसी के फंदे से लटकाकर।

3. गोली मारकर।

रॉयटर्स रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी में गोली मारकर मौत की सजा सिर्फ खास मामलों में ही दी जाती है। यहां मौत की सजा देने के लिए ये प्रोसेस अपनाया जाता है-

  • सबसे पहले जिस महिला या पुरुष को मौत की सजा दी जाती है, डॉक्टर उसके स्वास्थ की जांच करते हैंं।
  • इसके बाद उसे कोर्ट के आंगन या उस चौराहे पर ले जाया जाता है, जहां उसे फांसी की सजा दी जानी है।
  • फिर जिसे फांसी की सजा दी जानी होती है, वह शख्स अपने घुटने के बल पर वहां बैठ जाता है।
  • इसके बाद एक प्रशासनिक अधिकारी वहां मौजूद लोगों को उस शख्स के किए गए अपराधों की जानकारी देता है।
  • अंत में मौत की सजा देने वाला शख्स जिसे सुल्तान कहते हैं, धारदार हथियार से अपराधी के सिर को धड़ से अलग कर देता है।

जिन अपराध में सऊदी में मौत, उन अपराध में भारत में कितनी सजा?
सऊदी अरब में नशीली दवाओं को रखने और तस्करी करने को गंभीर अपराध माना जाता है। भले ही आपके पास से 2 ग्राम अफीम या हेरोइन मिले, लेकिन सजा मौत ही दी जाती है। भारत में प्रतिबंधित मादक दवाओं के रखने और बेचने को लेकर अलग-अलग कानून हैं।

भारत में अगर आपके पास से कम मात्रा में हेरोइन या अफीम मिलता है तो कोर्ट आपको 6 महीने की जेल और 10 हजार रुपए तक जुर्माने की सजा सुना सकती है। वहीं, ज्यादा मात्रा में प्रतिबंधित नशीली दवा पाए जाने पर 10 साल से 20 साल तक की सजा हो सकती है, लेकिन इस तरह के मामलों में यहां मौत की सजा देने का प्रावधान नहीं है।

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