संविधान की प्रस्तावना में निहित उद्देश्य को करना होगा आत्मसात – जिला जज ने कविता से संविधान के आदर्शों व महत्व की दी जानकारी
फतेहपुर। संविधान दिवस पर शनिवार को न्यायालय परिसर स्थित विटनेश कक्ष में भारतीय संविधान की प्रस्तावना के पाठ का कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें जिला जज रणंजय कुमार ने कविता के माध्यम से संविधान के आदर्शों व महत्व की जानकारी दी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ने ठा. युगराज सिंह महाविद्यालय में विधि छात्रों का आहवान किया कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना में निहित उद्देश्यों को आत्मसात करना होगा।
जिला जज ने कहा कि भारत एक संसदीय प्रणाली वाला एक प्रभुता संपन्न, समाजवादी, धर्म निर्पेक्ष और लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। संविधान का निर्माण भारत देश को सुुव्यवस्थित एवं अनुशासनात्मक रुप से चलाये जाने हेतु बनाया गया। आज के दिन पूरे देश में 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारतीय संविधान, संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया गया। बाबा साहब डा0 भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान निर्माता कहे जाते हैं जिनकी अध्यक्षता एवं अन्य शिल्पकारो के गहन मंथन उपरांत भारतीय संविधान अंतिम रुप से तैयार करने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रोमा गुप्ता ने ठा0 युगराज सिंह विधि महाविद्यालय में संविधान दिवस के उपलक्ष्य पर विधि छात्रों के मध्य संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया। सचिव ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमे भारतीय संविधान के प्रस्तावना में निहित उद्देश्य आत्मसात करना होगा और हमे अनुशासन एवं इच्छा शक्ति में रहकर सदैव अपने कर्तव्यो का निर्वहन करना चाहिये। छात्रों को अपने अध्यापक का सम्मान करते हुये उनके बताये हुये नियमो, रास्तो का सदैव पालन ईमानदारी से करना चाहिये तभी देश का विकास सम्भव है। इसके अतिरिक्त जिला कारागार, समस्त तहसील में संविधान दिवस के विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर न्यायिक अधिकारियों में मो0 अहमद खान, प्रमोद कुमार गंगवार, विनोद कुमार चौरसिया, रविकान्त द्वितीय, नित्या पाण्डेय, राज बाबू, महेन्द्र सिंह पासवान, गंगा शर्मा, अनुपम कुशवाहा, अमीय भाषिनी, रजत कुमार यादव, नन्दनी अपाध्याय, रोहित शाही, अरुण यादव, मनोज कुमार भास्कर भी मौजूद रहे।