धूम्रपान करने वालांे की संख्या में नहीं आ रही गिरावट – कानूनों का नहीं दिखता असर, व्यस्क के साथ अव्यस्क भी कर रहे सेवन – सिगरेट, गुटखा नहीं दिया तो खातिरदारी मानी जाती अधूरी

फतेहपुर। धूम्रपान का सेवन करने से न जाने कितने लोग मौत के गाल में समा चुके हैं, फिर भी धूम्रपान करने वालों की संख्या घटने के बजाए प्रतिदिन बढ़ रही है। धूम्रपान पर अंकुश लगाने के लिए कई कानून भी बने, लेकिन इन कानूनों का असर भी होता नहीं दिख रहा है। तमाम तम्बाकू उत्पाद उसी तरह से बिक्र रहे है और लोग इन उत्पादों का सेवन भी कर रहे है। शहर हो या गांव जगह-जगह गुमटियों एवं हांथ ठेलों पर पान की दुकाने सजी देखी जा सकती है। इन पान की दुकानों पर चूने के साथ रगड़कर खाने वाली तंबाकू से लेकर पान, गुटखा, श्री, बीड़ी, सिगंरेट आदि की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। व्यस्कों की तो कोई बात नहीं लेकिन आज इन तंबाकू उत्पादों का सेवन अव्यस्क भी तेजी के साथ कर रहे हैं। इन तंबाकू उत्पादों का सेवन आज फैशन के रूप में किया जा रहा है। आज किसी मेहमान की चाहे जितनी खातिरदारी करो लेकिन यदि उसके स्वागत में सिगरेट, गुटखा आदि उपलब्ध नहीं कराया तो खातिरदारी अधूरी समझता है। धूम्रपान के बढ़ते चलन से तमाम लोग उम्र के पहले ही जहां इस दुनिया से रूखसत हो जाते है वहीं कुछ लोग तमाम गंभीर बीमारियों के शिकार होकर जीवन और मौत के बीच संघर्ष करते रहते हैं। इसके बाद भी धूम्रपान पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को प्रतिबंधित किया गया है। जिसके लिए कानून भी बना है लेकिन इस कानून का भी कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। सार्वजनिक स्थानों पर भी धूम्रपान धड़ल्ले से लोगों को करते देखा जा सकता है। एक समय वह था जब पुरूष वर्ग ही धूम्रपान करता था लेकिन आज यह हाल है कि महिलाएं भी बड़ी संख्या में धूम्रपान कर रही हैं। पान, गुटखा का सेवन करने के लिए पान की दुकानों पर पहुंचने से गुरेज नहीं करती है। बाकायदा गुटखा रिजर्व में लेकर चलती है। बस हो या टेªन पुरूषों के साथ साथ महिलाएं भी गुटखा चबाती दिख जाएंगी। इस तरह से हो रहे धूम्रपान की देखकर कोई यह नहीं कह सकता है कि इसे प्रतिबंधित किया गया है या इसके लिए कोई कानून भी बना है।

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