निकाय चुनाव को लेकर दलों का मंथन जारी – आरक्षण सूची के इंतेज़ार तक सभी नेता बन रहे दावेदार – सभासद व चेयरमैन बनने का अपना देख रहे दावेदार लोगों को साधने में लगे

फतेहपुर। नगर निकाय चुनाव के लिये 48 जनपदों की आरक्षण सूची जारी होने के बाद जनपद में भी निकायों के वार्डों की आरक्षण सूची जारी हो चुकी है। ऐसे में निकाय चुनाव को लेकर तैयारियों में तेज़ी आनी शुरू हो गयी है। नगर निकाय के चुनाव को लेकर जहाँ दलों के बड़े नेता भले ही शांत हो लेकिन अध्यक्षी व सभासद बनने की दावेदारी पेश करने वाले प्रत्याशियों का मोहल्लों में उठना बैठना व लोगों से संवाद करना काफी पहले से जारी है। दावेदारों ने जहां खुद के बैनर पोस्टर वार्डाे एवं मुख्य सड़कों के बिजली के खम्भो एव दीवारों पर लगा रखा है। प्रचार के लिये वाल पेंटिंग भी करवा रखी है। सदर नगर पालिका परिषद के लिये होने वाले नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद के अलावा 34 वार्डों के सभासदों का चुना जाना है निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस आम आदमी पार्टी समेत अन्य दल अपने अपने सभासदों व चेयरमैन पद के प्रत्याशियों के लिये मेहनत करने में लगे हुए है। आम आदमी पार्टी की श्वेता सिंह को छोड़कर अभी तक किसी भी दल के प्रत्याशी का नाम फाइनल नहीं है जबकि आम आदमी पार्टी से भी सभी सभासदों के उम्मीदवार के नामो को अंतिम सूची अभी नही आई है। समाजवादी पार्टी से जहां वर्तमान चेयरमैन नज़ाकत ख़ातून के पुत्र व उनके प्रतिनिधि हाजी रज़ा प्रमुख दावेदार है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से कई नामों पर मंथन कर आला कमान को नाम भेजे जा चुके हैं जबकि बहुजन समाज पार्टी से भी मो. आसिफ़ एडवोकेट, ज्वालागंज वार्ड से सभासद कासिम अली दावेदारी जता रहे हैं। उसी तरह कांग्रेस पार्टी से सिविल लाइन सभासद विनय तिवारी, अहमदगंज सभासद मो. आरिफ गुड्डा दावेदारी जता रहे है। वार्डों में वर्तमान सभासद अपने अपने दलों से जहां दावेदारी जता रहे है। पार्टियों की ओर से अभी तक किसी भी पद के लिये किसी भी कार्यकर्ता का नाम तय न किये जाने से सभी कार्यकर्ता अपने आपको अमुक पद का उम्मीदवार मान कर ही चल रहे हैं। 2017 में हुए नगर निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार नज़ाकत ख़ातून विजय हुई उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी भाजपा प्रत्याशी अर्चना त्रिपाठी को 2816 मतों से पराजित किया था। इस बार का चुनाव किसके पक्ष में जाता है किस पार्टी से कौन उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा जाता है यह तो दलों की सूची आने के बाद ही सामने आ सकेगा। तब तक सभी दलों के सभी दावेदार अपने आपको प्रत्याशी ही मानकर चल रहे है।

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