मक्खी के कारण लड़के कुंवारे, बहुएं छोड़ रहीं ससुराल, खाने पर भिनभिनाती एक मक्खी देती है 900 अंडे

 

 

उत्तर प्रदेश के हरदोई में 10 गांव ऐसे हैं, जहां मक्खियों की वजह से एक भी शादी नहीं हो पा रही है। कोई भी परिवार अपने बेटियों को इन गांवों में ब्याहने को तैयार ही नहीं है। इतना ही नहीं जिन महिलाओं की शादी इन गांवों में हो चुकी है, वो ससुराल छोड़कर मायके चली जा रही हैं। उनका कहना है कि या तो उनके पति गांव छोड़ दें या वह खुद घर छोड़ रही हैं।

सवाल- मक्खियां घरों में क्यों आती हैं, जिससे लोग परेशान होते हैं?
जवाब-
 आमतौर पर मक्खियां घरों में किसी भी तरह की गंदगी जैसे बच्चों के मल, सड़े हुई सब्जियां या उनके छिलके से अट्रैक्ट होती हैं। मक्खियों को शक्कर की भी तलाश होती है, इसलिए वो ज्यादा पके हुए फलों को खाती हैं। कोल्ड ड्रिंक या शराब पीना भी इन्हें खूब पसंद है। इसलिए जब ये जमीन पर गिर जाते हैं, तो इनमें तुरंत मक्खियां लगने लगती है।

नोट- यूनाइटेड स्टेट के नेशनल पेस्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन यानी NPMA एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन है, जो पब्लिक हेल्थ, फूड और प्रॉपर्टी के लिए काम करता है।

सवाल- बहुत से लोग कहते हैं खाने में मक्खियां नहीं लगने देना, वरना बीमार पड़ेंगे। क्या ये सच है, अगर हां, तो कैसे?
जवाब-
 ये बात बिल्कुल सच है। घरेलू मक्खियों के पेट के पास एक क्रॉप नाम का अंग होता है। मक्खियों का खाना पचने से पहले क्रॉप में ही आकर इकट्ठा होता है। इसी में खतरनाक सूक्ष्मजीव यानी Pathogens और परजीवी यानी Parasites पाए जाते हैं।

जब मक्खियां कहीं से उड़कर आती हैं और खाने पर बैठती हैं, तो क्रॉप खाने के संपर्क में आता है। उसी खाने के खाकर लोग बीमार पड़ते हैं।

सवाल- मक्खियां इंसानों के शरीर पर बार-बार भगाने के बाद भी क्यों बैठती हैं?
जवाब- 
द स्टेट्समैन में पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार, मक्खियों का मुंह बहुत सॉफ्ट होता है। ये इंसान के शरीर पर बैठकर काटती नहीं हैं, बल्कि ये स्किन से खाना चूसती हैं। इंसान के शरीर से निकलने वाला कार्बन-डाईऑक्साइड मक्खियों का खाना होता है। जिसके कारण गर्मियों के दिनों में इंसानों की शरीर से निकलने वाले पसीने की तरफ ये आकर्षित होती हैं।

सवाल- मक्खियों की वजह से कौन सी बीमारियां फैलती हैं?
जवाब-
 इसके लिए नीचे दिए ग्राफिक को पढ़ें और दूसरों को भी शेयर करें-

सवाल- मक्खियों की वजह से इतनी बीमारियां होती हैं, तो इनसे बचने का क्या तरीका है?
जवाब-
 पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ एंटोमोलॉजी के एक्सपर्ट के अनुसार…

  • साफ-सफाई -किसी डिब्बे, बर्तन, टोकरी या कूड़ेदान में लोग अक्सर सब्जी, फल या अंडे के छिलके, चाय पत्ती या बचा हुआ खाना रख देते हैं और सोचते हैं बाद में फेंक देंगे। ऐसा न करें, तुरंत इन्हें खाली कर दें यानी कचरा फेंक दें।
  • खोज करें- मक्खियों की एंट्री घर के किस कोने से होती है, उस जगह की तलाश करें। जैसे- नाली के पास कोई जगह, खिड़की या पाइप।
  • नॉन-केमिकल ट्रैप्स यानी जाल- कुछ डिवाइस मक्खियां पकड़ने में मददगार होती हैं। जैसे स्टिकी यानी चिपचिपा ट्रैप, अल्ट्रावॉयलेट लाइट ट्रैप्स।

नेशनल पेस्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन के अनुसार, मक्खियों से बचने के लिए…

  • किचन, टेबल और खाने वाली हर जगह को साफ रखें।
  • चेक करें कि खिड़कियां टूटी-फूटी तो नहीं हैं।
  • सड़ने वाली किसी भी चीज का सही तरीके से निपटारा करें।
  • अगर घर में जानवर हैं, तो उनके खाने के कचरे को भी सही जगह फेंके।

सवाल- क्या ठंड के मौसम में भी मक्खियां आ सकती हैं?
जवाब-
 ठंड में भी मक्खियां होती हैं, लेकिन इस मौसम में ये बैक्टिरिया के संपर्क में नहीं आती हैं और semi-dormant यानी एक्टिव नहीं रहती हैं। ठंड में ये आपकी छत में या कभी-कभी उड़ते हुए आपको दिखाई दे सकती हैं। हालांकि, ये आमतौर पर गर्मी के दिनों में ही दिखती हैं। इन दिनों ये आपके घर के अंदर अंडे नहीं दे सकती हैं इसलिए घर के अंदर नहीं दिखाई देती हैं।

 सवाल- गांव में मक्खियों की परेशानी क्यों है, जिसकी वजह से न तो नई शादियां हो रही हैं और पुरानी शादियों के टूटने का खतरा मंडरा रहा है?
जवाब- 
साल 2014 में यहां कॉमर्शियल लेयर्स फार्म यानी पोल्ट्री फॉर्म खुला। कुछ दिन तक तो सब अच्छा चल रहा था, लेकिन धीरे-धीरे मक्खियों की आबादी बढ़ने लगी। आज के समय में इन गांवों में मक्खियों का आतंक है। बढ़ईनपुरवा गांव सबसे ज्यादा मक्खियों से परेशान है, क्योंकि ये पोल्ट्री फार्म के सबसे नजदीक है।

सवाल- क्या सरकार को ये परेशानी दिखाई नहीं दे रही है?
जवाब- 
अहिरोरी गांव के CHC अधीक्षक के अनुसार, मक्खियों की समस्या से निपटने के लिए गांव में कई बार कैंप लगाए गए, उपचार किया गया, लेकिन फिर भी समस्या दूर नहीं हुई। फिर भी मक्खियों से फैलने वाली किसी भी बीमारी का ट्रेंड इस गांव में नहीं मिला है।

सवाल- पोल्ट्री फार्म की वजह से मक्खियां क्यों आती हैं, इसको थोड़ा डिटेल में बताइए?
जवाब- 
पोल्ट्री फार्म में मुर्गी और बतख जैसे पशु-पक्षियों के पॉटी से खाद बनता है। जिसमें लगभग 75-80% नमी की मात्रा होती है। मक्खियां सड़े-गले और बदबू वाली जगहों पर अंडे देती हैं, जहां 50-85% नमी की मात्रा हो। इसलिए पोल्ट्री फार्म की वजह से मक्खियों पनपने लगती हैं।

चलते-चलते
मक्खियों को इंसान पकड़ क्यों नहीं पाते हैं?

मक्खियों और इंसानों की आंखों में अतंर होता है। मक्खियों की आंखों में माइक्रोविलर फोटोरिसेप्टर कोशिका होती है। इंसानों की आंखों में रॉड और कोन्स कोशिका होती है। मक्खियों की आंखें ज्यादा सेंसेटिव और तेजी से रिएक्शन देती है। इसलिए जैसे ही हम इन्हें पकड़ने की कोशिश करते हैं, इनकी आंखें इन्हें बचा ले जाती हैं। अधिकतर मक्खियां हमसे चार गुना तेज देखती हैं।

कम बालों वाली स्किन पर उल्टी करती हैं मक्खियां
एक रिसर्च के मुताबिक, मक्खियां कुछ इंसानों की बॉडी ओडर से अट्रैक्ट होती हैं। जिनकी स्किन पर कम बाल होते हैं, उन लोगों पर मक्खियों का उल्टी करने की जगह मिल जाती है। सॉलिड फूड को गीला करने के लिए मक्खियां उल्टी करती हैं। मक्खियों को जानवरों के आंखों के इर्द-गिर्द बैठने पर भी न्यूट्रीशन मिलता है

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