जयपुर. कबाड़ भी करोड़ों रुपये का हो सकता है. कबाड़ से भी करोड़ों रुपये कमाए जा सकते हैं. रेलवे अक्सर कबाड़ बेचकर कमाई करता है. लेकिन इस बार उत्तर पश्चिमी रेलवे में कबाड़ ने नोटों की बारिश ही कर डाली. NWR ने इस बार कबाड़ बेचकर ही 140 करोड़ से ज्यादा रुपये की आय जुटाई है. उत्तर पश्चिम रेलवे ने अपने चारों मंडल यानि अजमेर, जोधपुर, बीकानेर और जयपुर मंडल के रेलवे स्टेशनों का कबाड़ बेचकर 140 करोड़ 52 लाख रुपये की रिकॉर्ड कमाई की गई है.
ये कमाई सिर्फ एक साल की है. अगले साल के लिए NWR ने कबाड़ से 200 करोड़ रुपये कमाई का लक्ष्य निर्धारित किया है. सुनने में भले ही यह अजीब लगे लेकिन यह सौ फीसदी सच है. NWR की यह कमाई उसके विकास से जुड़ी है. NWR में बीते काफी समय से अलग-अलग रेलवे जोन में यार्ड-रिमॉडलिंग और लूप लाइन का काम चल रहा है. इसके चलते यहां आए दिन लाखों रुपये का कबाड़ एकत्र होता जा रहा है. इन कार्यों के चलते ट्रेनें भी लगातार रद्द हो रही हैं.
एक महीने में 50 के करीब ट्रेनें रद्द हो चुकी हैं
पिछले एक महीने में 50 के करीब ट्रेनें रद्द हो चुकी हैं. इन ट्रेनों के रद्द होने से हजारों यात्रियों का सफर प्रभावित हुआ है और रेलवे की करोड़ों की कमाई पर ब्रेक लगा है. हालांकि ट्रेनें रद्द होने से हो रहे नुकसान के पूरे आंकड़े तो अभी तक सामने नहीं आए है लेकिन माना जा रहा है कि इसका आकलन करेंगे तो करोड़ों में पहुंचेगा. लेकिन बावजूद उसके रेलवे ने टिकट नहीं तो कबाड़ बेचकर कमाई कर डाली.
अगले साल आमदनी और बढ़ने की संभावना
उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि NWR ने पिछले साल कबाड़ बेचकर 125 करोड़ रुपये कमाए थे. इस साल कबाड़ बेचकर 140 करोड़ रुपये से ज्यादा की आय की गई है. सिर्फ कबाड़ से कमाई में रेलवे को पिछले साल के मुकाबले 12 प्रतिशत का ज्यादा लाभ मिला है. ट्रेनें रद्द होने से होने वाला आर्थिक नुकसान अभी जारी रहेगा क्योंकि निर्माण कार्य लगातार चल रहे हैं. लेकिन इसके सामांतर कबाड़ से होने वाला फायदा भी लगातार जारी रहेगा. यह अगले साल और ज्यादा होने वाला है.