मृतक छात्र की बुक से एक लेटर मिला है। जो उसने हॉस्टल इंचार्ज के नाम लिखा था। हालांकि 5 दिसंबर को लिखा ये पत्र उसने इंचार्ज को दिया नहीं था।
मामला बड़वानी के सिर्वी इंटरनेशनल बोर्डिंग स्कूल का है। जहां मंगलवार को 10वीं के छात्र ने फांसी लगा ली। उस दिन सुबह नाश्ता करने के बाद वह क्लास रूम में पहुंचा और मफलर से फांसी का फंदा बनाया और उस पर लटक गया। इसका वीडियो भी सामने आया है। मृतक छात्र का नाम ओम (16) पिता दिनेश सेप्टा था।
सोमवार को सिर दर्द की बात कही थी
हॉस्टल इंचार्ज राजेश मुकाती ने बताया सोमवार शाम को ओम ने बताया था कि उसका सिर दर्द हो रहा है। उसे बड़वानी के अस्पताल ले जाकर दवाई दिलाई थी। मंगलवार को सुबह वह सामान्य था। तनाव को लेकर कोई बात नहीं की। सुबह 8 बजे नाश्ते में उसे पोहे दिए थे। नाश्ता करने के बाद उसने क्लास रूम में जाकर फांसी लगा ली। मुकाती ने बताया वह फुटबाल व वॉलीबॉल खेलता था। शिक्षकों ने बताया वह पढ़ने में अच्छा था। आईआईटी करना उसका लक्ष्य था।
फ्रेश होने गया था और लगा ली फांसी
ओम के दोस्त ने बताया कि हॉस्टल में कमरे में 20 छात्र रहते हैं। अर्द्धवार्षिक परीक्षा चल रही है। मंगलवार को स्कूल की छुट्टी थी। उसने बताया हम दोनों अच्छे दोस्त थे। सुबह करीब 8.30 बजे ओम ने कहा मैं फ्रेश होकर आता हूं। इसके कुछ देर बाद किसी बच्चे ने कहा ओम भैया ने क्लास रूम का दरवाजा बंद कर लिया है। उसने फांसी लगा ली।
तीन साल से बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा था
स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरिराम राठौड़ ने बताया 5 दिसंबर को हॉस्टल इंचार्ज को लेटर लिखा था, जो पुलिस के पास है। ओम तीन साल से बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा था। उसके काका का बेटा इसी स्कूल की 6वीं कक्षा में पढ़ता है।15 दिन पहले छात्र के काका महेश सेप्टा उससे मिलने आए थे। 10वीं के बाद उसे कोटा पढ़ने के लिए भेजने का कहा था।
चाचा बोले- इंदौर में पढ़ने की थी इच्छा
ओम के पिता दिनेश सेप्टा खेती करते है। मां की पूर्व में ही मौत हो चुकी है। काका महेश सेप्टा ने बताया कि ओम को बेटे की तरह रखा। उन्होंने बताया 15 दिन पहले पत्नी के साथ बच्चों से मिलने गए थे। उनका बेटा भी इसी स्कूल में पढ़ता है। ओम को 10वीं के बाद पढ़ाई करने कोटा भेजने की बात की थी। इस पर उसने इंदौर पढ़ने जाने का कहा, तो इंदौर भेजने का कहा था। उन्होंने बताया मंगलवार सुबह उसने छोटे भाई को चाकलेट दी थी।
12 दिसंबर को विज्ञान का पेपर दिया था
हॉस्टल इंचार्ज के नाम लिखे आवेदन में उसने अकेले पढ़ने की इच्छा जताई थी। स्कूल में अभी अर्द्ध वार्षिक परीक्षा चल रही है, जो 21 दिसंबर तक चलेगी। 12 दिसंबर को छात्र ने विज्ञान का पेपर दिया था। ऐसे में आशंका है कि पढ़ाई के तनाव या पेपर बिगड़ने के कारण छात्र ने आत्मघाती कदम उठाया। ओम तीन साल से बोर्डिंग स्कूल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। बोर्डिंग में 145 छात्र-छात्राएं रहते हैं। घटना के बाद अन्य बच्चों के परिजन ने स्कूल पहुंचकर बच्चों से मिले। कुछ परिजन बच्चों को बाजार भी ले गए।
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. विजया सकपाल ने बताया बच्चों में तनाव बढ़ रहा है। बोर्डिंग या हॉस्टल में रहकर वे घर की कमी महसूस करते हैं। बच्चा तीन साल से हॉस्टल में रह रहा था। तनाव के कारण बदलाव आते हैं। परीक्षा के दौरान भी बच्चे तनाव में रहते हैं। वार्डन के साथ शिक्षकों को सतर्क रहना जरूरी है, ताकि कोई बच्चा अकेला रह रहा है, तो उससे संवाद करें। शिक्षक वार्डन से बात कर पता करें कि बच्चा नियमित खाना खा रहा है, सो रहा है, इसकी जानकारी ले। खाना न खाए या कम सोए, तो ये सभी तनाव के कारण है। छोटे बच्चे तनाव के ज्यादा शिकार हो रहे हैं। परिजन के साथ शिक्षकों व वार्डन का सतर्क रहना जरूरी है, ताकि बच्चों को इस तरह आत्मघाती कदम उठाने से बचाया जा सके।