एआरटीओ कार्यालय की मिलीभगत से ओवर लोडिंग कर राजस्व को लगा रहे चूना – ट्रकों की नंबर प्लेट से छेड़छाड़ कर अवैध धंधों का होता संचालन – वाहन स्वामियों व दलालों के नेटवर्क की वजह से करवाई से बच निकलते
फतेहपुर। संभागीय परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार व दलालों के सिंडिकेट के चलते सड़कों पर दौड़ने वाले भारी वाहनों की नंबर प्लेट से छेड़छाड़ कर मोटर मालिकों द्वारा न केवल राजस्व की क्षति की जा रही है बल्कि अफसरों की आंखों में धूल झोंक कर ओवर लोडिंग समेत अवैध कार्यों का संचालन भी किया जा रहा है। इन ट्रकों में सरकार द्वारा स्वीकृत एचएसआरपी नंबर प्लेट की जगह पेंट से लिखी नंबर प्लेट लगाई जाती हैं जिसमे आसानी से नंबर को रगड़ कर साफ करके ओवर लोडिंग एवं बिना वैध दस्तावेज़ों के यह ट्रक रात के अंधेरे में या दिन के उजाले में खुलेआम राजस्व को चूना लगाकर बेख़ौफ़ होकर दौड़ते है। सेटिंग वाले अफसर तो इन्हें देखते तक नहीं, यदा कदा कार्रवाई की जद में फंसने के बाद भी इन वाहनों के नंबर पढ़ना या नोट करना बहुत दूर की बात है। नंबर प्लेट में छेड़छाड़ करना मोटर वाहन एक्ट में एक दंडनीय अपराध है लेकिन जब सैय्या भये कोतवाल तो डर काहे का वाली कहावत यहां चरित्रार्थ होती दिखाई देती है। मोटर मालिको व दलालों के साथ परिवहन विभाग की मिलीभगत के चलते ओवरलोड माल ढोने एवं खनन में ओवरलोडिंग का कार्य करने वाले वाहनों के नंबर प्लेट की किसी एक डिजिट खुरच कर साफ कर दी जाती है। जैसे ही ओवर लोड वाहनों के सड़कों पर दौड़ने की सूचना कहीं से आती है या कोई वीडियो क्लिप अथवा फोटो वायरल होती है तो परिवहन एवं पुलिस विभाग के लोगों द्वारा वाहनों के नंबर का सही मिलान न होने का बहाना बनाकर राजस्व को क्षति पहंुचाने वाले वाहनों एवं मोटर मालिको को बचा दिया जाता है। किसी भी तरह की सरकारी कार्रवाई से बेखौफ होकर ओवर स्पीड में सड़क पर मौत बनके दौड़ने वाले इन वाहनों को दुर्घटना होने की स्थिति में पहचानना पुलिस के लिये नामुमकिन जैसा ही होता है। अक्सर इन वाहनों के पास बीमा व फिटनेस आदि संबंधी दस्तावेज़ तक नही होते। कार्रवाई की जद में आने से बचने के लिये चालक अपने अपने वाहनों को छोड़कर भाग निकलते हैं। नंबर की पहचान न होने का लाभ लेकर सिंडिकेट से इन वाहनों को बचा दिया जाता है। नियमानुसार संभागीय परिवहन विभाग पर भारी वाहनों के नंबर प्लेट, ओवरलोडिंग एवं दस्तावेजों को पूरा न रखने वाले ट्रकों पर कार्यवाही का जिम्मा होता है लेकिन विभाग के दलालों एवं मोटर मालिकों के साथ सेटिंग के चलते यह वाहन आराम से सड़कों से होकर ओवरलोडिंग ही नहीं करते बल्कि फिटनेस बीमा समेत दस्तावेजों को पूरा न रखने के बाद भी सरकारी अफसरों की नज़रों से आसानी से बचकर सड़कों पर बेखौफ होकर फर्राटा भरते हुए नजर आते हैं।