तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने पर निकाला मौन जुलूस – धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताकर राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

फतेहपुर। झारखंड प्रांत में जैन धर्म के तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने के बाद जैन समुदाय के लोग उग्र हो गये हैं। बुधवार को स्थानीय दिगंबर जैन मंदिर से मौन जुलूस कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हुआ। तत्पश्चात राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर पांच सूत्रीय मांगों को पूरा किये जाने की आवाज उठाई।
श्री 1008 भगवान नेमिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर व धर्मशाला के अध्यक्ष आनंद कुमार जैन की अगुवाई में मौन जुलूस मंदिर जी से निकला। जुलूस में बड़ी संख्या में जैन समुदाय के महिला, पुरूष व बच्चे शामिल रहे। जुलूस कलेक्ट्रेट पहुंचा जहां राष्ट्रपति को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर बताया कि झारखंड राज्य स्थित जैनियों के महान शास्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी को सरकार ने हाल ही में पर्यटन स्थल घोषित किया है जबकि जैन समुदाय का यह सबसे पवित्र तीर्थ है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस महान तीर्थ को तीर्थराज भी कहा जाता है। इस तीर्थ क्षेत्र से जैन धर्म के 20 तीर्थकर भगवान ने मोक्ष प्राप्त किया है। उनके साथ ही आनंतानंद ऋषि मुनियों ने भी इस पावन पवित्र तीर्थ से मोक्ष को प्राप्त किया है। सदियों से इस पावन तीर्थ स्थल पर जैन समाज के लोग दर्शन व यात्रा करते चले आ रहे हैं लेकिन हाल ही मे सरकार ने इस पवित्र तीर्थ की पवित्रता को नष्ट करने का कुचक्र रचा है। राष्ट्रपति से मांग किया कि तीर्थराज को पर्यटन स्थल घोषित करने के आदेश को वापस लिया जाये, पर्यटन स्थल घोषित होने पर यहां मांस, मदिरा आदि के सेवन के रास्ते खुल जायेंगे जिससे जैनियों की भावनाएं आहत होंगी, तीर्थ क्षेत्र की गरिमा व पवित्रता को आघात पहुंचेगा, तीर्थ की शुद्धता भंग होते हुए अशुद्धि का वातावरण स्थापित होगा, जैन समाज अंहिसक विचारधारा का है लेकिन पावन तीर्थ मूक पशुओं का कत्ल होने के रास्ते खुलेंगे। इस मौके पर अजय जैन, अजय कुमार जैन पप्पू, कुलदीप जैन उर्फ जौन, देवेंद्र जैन, दीपक जैन, संदीप जैन, अमित जैन, मोहित जैन, रीना जैन, सरला जैन, स्वाती जैन, माही जैन, सीमा जैन, गुनगुन जैन सहित जैन समाज के तमाम लोग मौजूद रहे।

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