फतेहपुर। जनपद में लगातार चिटफंड कंपनियों के खिलाफ हो रही धोखाधड़ी की शिकायतों और प्रशासन द्वारा लिखी जा रही रिपोर्ट पर कार्यवाही ना होने का आलम यह है कि अब कुछ कंपनियां अपने कस्टमर को फसाने के लिए विद्यालय को बना रहे हैं निशाना ऐसा ही मामला आज देखने को मिला जब केंद्रीय विद्यालय मधुपुरी के अभिभावकों ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया कि केंद्रीय विद्यालय मधुपुरी से अभिभावकों के नाम मोबाइल नंबर कलेक्ट करने वाली कंपनी के साथ-साथ विद्यालय प्रधानाचार्य की संलिप्तता पर जांच करने की मांग उठाई। पूरा मामला बताते हैं कि कुछ दिन पहले बजाज कैपिटल नाम की कंपनी ने केंद्रीय विद्यालय मधुपुरी के प्रधानाचार्य से सांठगांठ कर प्रतियोगिता कराने के नाम पर बच्चों सहित अभिभावकों के नाम मोबाइल नंबर का पूरा डाटा कलेक्ट कर लिया और जब विद्यालय की शीतकालीन छुट्टियां घोषित हो गई तो वह कंपनी उन डाटा के माध्यम से अपने ग्राहकों की तलाश का जाल बिछाना शुरू कर दिया जिसका उदाहरण 24 दिसंबर 2022 शनिवार को देखने को तब मिला जब अभिभावकों के नंबर पर बच्चों के प्रतियोगिता में भाग लेने और टाप सिलेक्शन में नाम आने पर उनको प्राइस एवं प्रमाण पत्र देने के लिए गोपालगंज फतेहपुर स्थित एक गेस्ट हाउस में बुलाया गया। जहां अभिभावकों की पुनः आय सहित सारी डिटेल भरवाई गई और फिर वहां कंपनी के लोगों द्वारा अधिक फायदे का प्रलोभन देकर मोटी रकम इन्वेस्ट करने का प्लान दिया गया ,जो कि अभिभावकों को नागवार गुजरा और विद्यालय स्टाफ से संपर्क करने पर प्रधानाचार्य के नम्बर से संपर्क नहीं हो सका अन्य अध्यापकों द्वारा पता चला कि विद्यालय की तरफ से ऐसा कोई बुलावा नहीं दिया गया। अब सवाल यह उठता है कि फिर इन कंपनियों को अभिभावकों का नाम नंबर विद्यालय की तरफ से क्यों दिया गया और यदि इस तरह की कंपनियों द्वारा किसी अभिभावक के साथ कोई धोखाधड़ी होती है तो इसकी जवाबदेही किसकी होगी। जिला प्रशासन या विद्यालय संगठन जिसके तहत कुछ अभिभावकों ने इंशोरेंस कंपनी सहित प्रधानाचार्य को कटघरे में खड़े करते हुए जिलाधिकारी से जांच की मांग की है, तो वहीं कुछ अभिभावक तो यह भी कहते हैं कि केंद्रीय विद्यालय में इन दिनों घोर अनियमितताएं की जा रही हैं प्रधानाचार्य द्वारा टूर विजिट कराने के नाम पर प्रति बच्चे से पाचं सौ रूपये तक जमा कराए गये थे और जो बच्चे कोटे के हैं या अन्य कारण से रुपए नहीं जमा कर पाए उन्हें विजिट में नहीं ले जाया गया, जिससे उन बच्चों में हीन भावना गृह कर रही है इसी तरह से विद्यालय में नर्स सहित अन्य संविदा स्टाफ की नियुक्ति पर भी घोर अनियमितता की गई हैं लेकिन विद्यालय प्रबंध समिति एवं अन्य प्रशासन के लोग उन सब से अनजान बने हुए हैं अब जब मामला जिला अधिकारी को अभिभावकों द्वारा शिकायती पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है तो देखना है कि इसका क्या असर होता है या फिर जब अभिभावकों के साथ धोखाधड़ी होने पर ही जिला प्रशासन के कान खड़े होंगे प्रार्थना पत्र देने वालों मे से प्रमुख रूप से जेई एसके पासवान, वीरेंद्र सिंह, वीर सिंह, डा. अमित पाल, जगदीश मौर्य, राजन कुमार, संजय सिंह, इंद्रजीत यादव, अश्वनी यादव आदि अभिभावक उपस्थित रहे।