फतेहपुर। जिला प्रशासन द्वारा चलाये गये अतिक्रमण अभियान के विरोध मे अधिवक्ताओं ने प्रशासन को आड़े हांथों लेते हुए एसडीएम के सामने सवालों की बरसात कर दी। जिस पर झल्लाये एसडीएम ने कहा कि सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों को हटाया जा रहा न कि कोई मास्टर प्लान है। जिसे सुनकर अधिवक्ताओं का सातवें पारा आसमान पर पहुंच गया और जिलाधिकारी के नाम सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपते हुए अतिक्रमण के नाम पर की जा रही तोड़फोड़ को मानक के अनुरूप कराये जाने की मांग किया।
शुक्रवार को जनपद न्यायालय के अधिवक्ताआंे ने प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां जिलाधिकारी के न मिलने पर उपजिलाधिकारी प्रेम प्रकाश तिवारी को ज्ञापन सौंपते हुए अवगत कराया कि मुख्य मार्गों व घनी बस्तियों के मध्य सड़क चैडीकरण व वन वे स्थापित करने के मास्टर प्लान मानक के विरूद्ध निर्माण ध्वस्त कराने जैसे मुद्दे पर गंभीरता से लेते हुए प्रशासन द्वारा मानक के अनुरूप अभियान को चलाये जाने की बात कही और अभियान के सरकारी मानक को पूंछा और कार्यवाही से पहले नोटिस के जरिए मकान स्वामी को अवगत कराये जाने, भूमि अधिग्रहण की क्षतिपूर्ति के लिए पुनः स्थापित की व्यवस्था है जैसे अनेक सवालों के मांगते हुए मानक के अनुरूप अतिक्रमण अभियान चलाये जाने की मांग किया। साथ ही एसडीएम प्रेम प्रकाश तिवारी से वार्ता की जिस पर एसडीएम ने कहा कि कोई मास्टर प्लान नही है सरकारी जमीनों और नाला पर किये गये अवैध कब्जों को हटाया जा रहा है किसी का मकान गिराने का काम प्रशासन नही कर रही है यह बात सुन अधिवक्ताओ का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया और अब तक की गयी कार्यवाही पर सवालियां निशान लगाते हुए अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि मानक के विपरीत मकान व दुकान गिराये गये तो अधिवक्ता इसका खुलकर विरोध करेगें। इस मौके पर देवेन्द्र सिंह गौतम, प्रेम शंकर त्रिवेदी, सुशील मिश्रा, सतेन्द्र श्रीवास्तव, संतोष द्विवेदी, महेन्द्र सिंह परिहार, शिव विक्रम सिंह, चन्दन मिश्रा, जसवंत तोमर, व संग्राम सिंह राठौर, महेश द्विवेदी, अजीत राठौर, अजय अवस्थी, चन्द्रेश कुमार आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।