लेट ट्रेन चलाएंगी सऊदी महिलाएं, 32 महिलाओं का पहला बैच ट्रेनिंग के बाद तैयार, मक्का-मदीना के बीच पहली परीक्षा

 

 

सऊदी अरब में महज चार साल पहले महिलाओं के ड्राइविंग करने पर लगे बैन को हटाया गया था। अब यहां की महिलाएं बहुत जल्द बुलेट ट्रेन चलाती नजर आएंगी। क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के विजन-2030 के तहत महिलाओं का यह सपना साकार होने जा रहा है।

सऊदी अरब रेलवेज (SAR) ने खुद इस बारे में जानकारी दी है। इसके साथ ही इन वुमन बुलेट ट्रेन ड्राइवर का एक वीडियो भी शेयर किया है। 32 महिलाओं का पहला बैच ट्रेनिंग पूरी कर चुका है। इनकी पहली नियुक्ति मक्का और मदीना के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन में की गई है।

नए साल पर वीडियो जारी
सऊदी अरब रेलवेज ने सोशल मीडिया पर 32 वुमन ट्रेन ड्राइवर के ट्रेनिंग कम्प्लीट होने की जानकारी दी। इसके साथ ही एक वीडियो भी शेयर किया। इसमें ये महिलाएं अपने पुरुष सहयोगियों के साथ नजर आ रही हैं। यह वीडियो नए साल के पहले दिन जारी किया गया है। इसमें एक महिला ड्राइवर कहती है- हम इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनकर बहुत खुश हैं। हमें फख्र है कि हमें यह मौका मिला।

ट्रेनिंग के बाद अब इस बैच में शामिल महिलाएं 453 किलोमीटर लंबी हर्मेन हाईस्पीड लाइन पर बुलेट ट्रेन दौड़ाती नजर आएंगी। यही लाइन मक्का और मदीना को जोड़ती है।

अब बेहतर करियर के मौके

  • हालिया वक्त में सऊदी महिलाओं ने देश की इकोनॉमी को बेहतर करने में अहम रोल निभाया है और अब यह ट्रेंड ज्यादा मजबूत हो रहा है। यह इसलिए भी अहम है, क्योंकि 2018 के पहले यहां महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत भी नहीं थी।
  • क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने 2016 में विजन 2030 शुरू किया। इसका मकसद मुल्क की इकोनॉमी की ऑयल पर डिपेंडेंसी कम करना है। इसके तहत ऐसे कई प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं, जिनमें महिलाओं की भी बड़ी हिस्सेदारी है। अब सरकारी दफ्तरों के अलावा प्राइवेट सेक्टर में भी काफी महिलाएं काम कर रही हैं। एजुकेशन सेक्टर में भी उनकी हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है।
  • 2022 की शुरुआत में महिलाओं के लिए 30 बुलेट ट्रेन ड्राइवर की वैकेंसीज निकाली गई थीं। बाद में इन्हें 32 कर दिया गया। इन 32 वैकेंसी के लिए 28 हजार महिलाओं ने अप्लाई किया था।
  • पिछले साल सऊदी अरब में ऊंटों की ‘शिप्स ऑफ द डेजर्ट’ में प्रतियोगिता में पहली बार महिलाओं ने हिस्सा लिया था। रियाद में आयोजित इस प्रतियोगिता में करोड़ों रुपए का इनाम था। इसमें 40 महिलाओं ने हिस्सा लिया था।
  • ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में सऊदी अरब में नौकरी करने वाली महिलाएं 20% थीं। 2020 के आखिर में यह आंकड़ा 33% हो गया।
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