Haldwani railways Encroachment, जल्द गरजने वाले हैं हल्द्वानी में 4300 घरों पर बुलडोजर, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिया आदेश
हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे की 78 एकड़ भूमि से 4365 घरों को तोड़कर अतिक्रमण हटाया जाना है। सूत्रों के मुताबिक जिस जगह से अतिक्रमण हटाया जाना है, वहां करीब 20 मस्जिदें, 9 मंदिर और स्कूल हैं। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश, सपा के प्रदेश प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी सहित कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
Haldwani railways Encroachment: उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे स्टेशन के पास अनधिकृत कॉलोनियों को हटाने के मामले में हजारों लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हल्द्वानी में हाईकोर्ट के आदेश पर रेलवे का अतिक्रमण हटाया जा रहा है। जिसको लेकर स्थानीय लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हम लोग सालों से यहां रह रहे हैं, इस तरह हमें क्यों निकाल रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे की 78 एकड़ भूमि से 4365 घरों को तोड़कर अतिक्रमण हटाया जाना है। सूत्रों के मुताबिक जिस जगह से अतिक्रमण हटाया जाना है, वहां करीब 20 मस्जिदें, 9 मंदिर और स्कूल हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि “हम लोग सालों से यहां रह रहे हैं। वहां के लोगों कह रहे है कि बीजेपी वाले वोट लेने के लिए यहां आते हैं। लेकिन आज हमारे पास कोई नहीं आ रहा”। 200 साल से यहां पब्लिक रह रही है। हजारों लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया। महिलाओं के साथ बच्चे और बुजुर्ग भी कैंडल मार्च में शामिल हुए। अतिक्रमणकारियों का कहना है कि उनको कहीं बसा दें ऐसे बेघर ना करें।
वहां के लोगों का कहना है कि “उनके पूर्वज कई दशकों से उस भूमि पर रह रहे हैं। अब रेलवे उनकी भूमि को अपना बता रही है। लोग कह रहे हैं किसी ने हम गरीबों के बारे में नहीं सोचा। ये सरकार हमारे साथ नाइंसाफी कर रही हैं। कम से हमारे बच्चों का तो सोचिए। हमारे बाप-दादा भी यहीं पर मरे, हमें भगा दोगे तो भी हम यहीं रहेंगे”।
गैरतलब है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर रेलवे भूमि प्रकरण को लेकर समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल आज (बुधवार) को हल्द्वानी पहुंचेगें। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश, सपा के प्रदेश प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी सहित कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आपको बता दें उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर ली है। विधायक सुमित हृदयेश ने बताया कि उनके वकील सलमान खुर्शीद हैं। विधायक के अनुसार इस मामले में सुनवाई पांच जनवरी को होगी।
इस आदेश के खिलाफ एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी का ट्वीट सामने आया है। उन्होंने कहा है कि इंसानियत की बुनियाद पर उत्तराखंड, हल्द्वानी के लोगों की मदद करनी चाहिये और उन्हें वहां से नहीं निकालना चाहिए. हल्द्वानी के लोगों के सर से छत छीन लेना कौन सी इंसानियत है?