फतेहपुर। सरकार और समाज को साथ मिलकर माँ गंगा को अपने पुराने स्वरूप में लाने पर चर्चा के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रकल्प गंगा समग्र की एक दिवसीय बैठक सोमवार को आर्य समाज भवन में संपन्न हुई। गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष ने बताया कि हमने प्रकृति प्रदत्त सुविधाओं का दुरुपयोग करना शुरू किया। परिणाम यह है कि मानव जाति के सामने अशुद्ध जल, जहरीली हवा के साथ कोरोना जैसी महामारी आई। उन्होंने गंगा की अविरलता और निर्मलता बनाए रखने के साथ-साथ गंगा घाटों पर आरती करने पर बल दिया। जिससे मोक्षदायिनी गंगा के प्रति आस्था के साथ लोग अपनी जिम्मेदारियों को स्वीकार करें। भारत के लोगों की जीवन रेखा गंगा, सिर्फ नदी नहीं हैं। गंगा की निर्मलता के लिए केंद्र सरकार नमामि गंगे के माध्यम से अच्छा प्रयास कर रही है। बड़े-बड़े शहरों में गंगा में गिर रहे गंदे पानी का सीवरेज को रोका गया, घाटों का उद्धार हो रहा है। पर हमें भी अपना दायित्व समझना होगा। रामाशीष ने यह भी बताया कि आगामी 10 से 13 फरवरी को बेगूसराय बिहार में राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है। इस सम्मेलन में देश भर के 1000 से भी ज्यादा प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस अवसर पर प्रांत के सह संयोजक अजमेर सिंह, प्रांतीय सदस्य कुलदीप सिंह भदौरिया, प्रवीण पाण्डेय, जिला संयोजक अरुण सिंह, सह संयोजक संतोष तिवारी, धीरज राठौर, कपिल उपमन्यु, कमलनयन बाजपेई, गंगा वाहिनी जिला संयोजक सुयश गौतम, सह संयोजक अंकित जायसवाल, निर्देश द्विवेदी, आलोक श्रीवास्तव, देव नारायण, वरुण तिवारी अजय कुमार, मोनू मौर्य, प्रशांत राम नारायण, वंदना द्विवेदी, अपर्णा पांडेय, मंजू शुक्ला, राहुल वर्मा, सुमित द्विवेदी, उदित पांडेय, खागा संयोजक राम प्रसाद विश्वकर्मा, सह संयोजक राजेश, सीताराम पासवान, शेर सिंह समेत कार्यकर्ता बंधु उपस्थित रहे।