जमीन धंस रही, मकानों से पानी निकल रहा, भारत-चीन सीमा पर बसे 32 गांव खतरे में

 

 

भारत सीमा पर बसे उत्तराखंड के चमोली शहर में पानी के निकासी   की कोई व्यवस्था न होने के कारण जोशीमठ में जमीन धंस रही है. आलम यह है कि अब लोगों को गांवों से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. एक तरफ, जहां पानी निकासी की व्यवस्था नहीं तो दूसरी ओर, अलकनंदा नदी से कटाव और अनियंत्रित निर्माण कार्य से 32 गांव खतरे में पड़ गए हैं. है. जोशीमठ  अकेला शहर भी नहीं है, उत्तराखंड में 32 गांव कुछ इसी तरह के हालात से जूझ रहे हैं.

चमोली में अभी तक 584 मकान, होटल इसकी जद में आ चुके हैं. रंजीत सिन्हा, सचिव, आपदा प्रबंधन, का कहना है कि जोशीमठ की स्थिति चिंताजनक है. जोशीमठ का निरीक्षण करके लौटी टेक्निकल टीम ने कई सुझाव दिए हैं. उन पर तत्काल अमल करने की आवश्यकता है. टेक्निकल टीम ने भू-धंसाव का सबसे बड़ा कारण जोशीमठ में पानी की निकासी की कोई व्यवस्था न होने को माना है, इसलिए सबसे पहले इसका प्रबंधन करना होगा. इसके अलावा अलकनंदा नदी के कारण हो रहे कटान भी भू-धंसाव का कारण बन रहा है.

जोशीमठ में पांच-पांच मंजिला होटल भी हैं. टेक्निकल कमेटी की रिपोर्ट कहती है कि इस तरह के अनियंत्रित और अनियोजित निर्माण कार्यों से धंसाव और भी बढ़ रहा है. दरअसल ये हालात सिर्फ जोशीमठ के नहीं हैं, बल्कि, पहाड़ के अधिकांश शहरों में हैं. आपदा प्रबधंन विभाग का कहना है कि ये पॉलिसी मैटर है.

जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड के करीब 32 गावों में कमोबेश जोशीमठ जैंसे हालात बने हुए हैं. इन गावों के 148 परिवारों की विस्थापन की फाइल सालों से आज भी सरकारी कार्यालयों में रेंग रही है. हालांकि, 2012 से अब तक 45 से अधिक गावों के करीब 1400 परिवारों का विस्थापन भी किया गया, लेकिन, ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

लोगों को शिफ्ट किया
जोशीमठ में भूस्खलन की स्थिति पैदा होने से लोग डरे सहमे हुए हैं. नगर के प्रवेश द्वार पर स्थित दो बड़े होटल माउंट व्यू और मलारी इन पर दरार पड़ने के बाद उसके नीचे रहने वाले 5 से 10 परिवारों को खतरा हो गया है. 5 परिवारों को सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने नगरपालिका और ब्लॉक जोशीमठ में शिफ्ट कर दिया है. लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरे स्थान पर शिफ्ट हो गए हैं, लेकिन अब धीरे-धीरे लोगों का सब्र भी टूटता जा रहा हैं. प्रभावित फूट-फूट कर रोने भी लगे हैं. प्रशासन भी सुरक्षा की दृष्टि से लोगों को शिफ्ट कर रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार अधिकारियों से जोशीमठ भूस्खलन की रिपोर्ट मांग रहे हैं.

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