महाराजगंज में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां नेपाल बॉर्डर पर तैनात यूपी पुलिस के सिपाही ने पत्नी से मिलने के लिए अपने अधिकारी को लीव एप्लिकेशन लिखा है। कहा, ‘1 महीने पहले मेरी गौना हुआ है। छुट्टी न मिलने के चलते पत्नी नाराज है। बार-बार कॉल काट दे रही है। ज्यादा फोन करने पर मां को पकड़ा देती है। इसलिए मुझे 7 दिनों की छुट्टी दे दें।” लीव एप्लिकेशन को पढ़ने के बाद अधिकारी ने उसे 5 दिन की छुट्टी दे दी है।
फोन रिसीव कर बिना बात किए मां को मोबाइल दे देती है
कॉन्स्टेबल का नाम गौरव चौधरी है। गौरव 2016 बैच का सिपाही है। उसकी तैनाती नौतनवा थाना क्षेत्र में PRV पर है। सिपाही ने अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) को लिखा, “मेरा पिछले माह गौना हुआ है। विदाई के बाद मैं पत्नी को घर पर छोड़कर ड्यूटी पर चला आया। अब छुट्टी नहीं मिल रही है। इससे पत्नी नाराज है। कॉल रिसीव कर बिना बात किए मोबाइल मेरी मां को दे देती है।
मैंने पत्नी को वादा किया हूं कि भतीजे के जन्मदिन पर 10 जनवरी को घर जरूर आऊंगा। इसलिए आपसे निवदेन है कि 10 जनवरी से लेकर 7 दिनों तक कैज़ुअल लीव अप्रूव करने की कृपा करें। आपका आभारी रहूंगा।”
ASP ने 5 दिन की लीव अप्रूव की
ASP आतिश कुमार सिंह ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को उनकी जरूरत के मुताबिक लीव दी जाती है। इस बात का भी ध्यान दिया जाता है कि लीव के चलते शांति व्यवस्था में कोई व्यवधान न हो पाए। सिपाही गौरव के लीव एप्लिकेशन पर 5 दिनों की छुट्टी मंजूर की गई है।
ट्रांसफर के लिए पुलिस महानिरीक्षक को लिखा लेटर
सिपाही ने पुलिस महानिरीक्षक को ट्रांसफर लेटर भी लिखा है। इसमें लिखा है, “मैं वर्तमान में नौतनवा थाने पर PRV में तैनात हूं, मेरा गृह जनपद है मऊ है। मैं अपने घर का जिम्मेदार व्यक्ति है। मेरे दो भाई एक सब-इंस्पेक्टर है, जो चंदौली में तैनात हैं, दूसरा भाई टीचर है, जो गाजीपुर में तैनात है। मेरी माता जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। उनके इलाज के लिए बार-बार मुझे 220 किमी दूर घर जाना पड़ता है। इसमें बहुत परेशानी होती है। अगर मेरा ट्रांसफर आजमगढ़ कर दिया जाए, तो मैं अपनी मां का सही से इलाज करा पाऊंगा।”