सावधान: रूम हीटर जलाकर सोएं नहीं – बंद कमरे में अंगीठी, कोयला और हीटर का प्रयोग बेहद खतरनाक – कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस की अधिकता से होती मौत

फतेहपुर। सर्दी चरम है और अंगीठी या हीटर का प्रयोग आजकल हर घर में हो रहा है। ध्यान देने वाली बात यह है कि अंगीठी या हीटर से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है। जो जहरीली होती है और कमरे में अधिकता होने से यह गैस जान भी ले सकती है इसलिए जब भी कमरे में अंगीठी या हीटर जलाएं। खिड़की या दरवाजा थोड़ा खुला रखें। कोशिश करें रात में सोने से पहले अंगीठी या हीटर बंद कर कमरे से बाहर निकाल दें।
चिकित्सकों का कहना है कि कार्बन-मोनोऑक्साइड केरोसिन, कोयला व लकड़ी के ठीक से न जलने पर ज्यादा मात्रा में निकलती है जो आक्सीजन को बंद कमरे से रिप्लेस कर देती है। इससे कमरे में कार्बन-मोनोऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ जाती है। यह गैस फिर सांस के माध्यम से व्यक्ति के फेफड़े में पहुँचता है क्योंकि मनुष्य के रक्त में मौजूद आरबीसी, ऑक्सीजन की जगह कार्बन मोनोऑक्साइड गैस से ज्यादा जल्दी जुड़ जाती है इसलिए धीरे-धीरे व्यक्ति के खून में ऑक्सीजन की जगह कार्बन मोनोऑक्साइड पहुँचने लगता है। जो मस्तिष्क व ऊतकों को आक्सीजन की जगह कार्बन मोनोऑक्साइड पहुँचाने लगता है। इससे मस्तिष्क में धीरे-धीरे आक्सीजन कम हो जाती है। मस्तिष्क में आक्सीजन की कमी के कारण व्यक्ति नींद के दौरान बेहोश हो जाता है। इस स्थिति में कभी-कभी व्यक्ति सांस नहीं ले पाता इसी स्थिति को हाइपोक्सिया कहते हैं। इस स्थिति में दम घुटने से उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
इनसेट-
हाइपोक्सिया मौत के मुंह में ढकेल रहा जिंदगी
फतेहपुर। चिकित्सक ने बताया कि गर्भवती, नवजात व बुजुर्गों को खतरा ज्यादा रहता है। जिन्हें ब्लडप्रेशर व एनीमिया की समस्या है उनके लिए बंद कमरे में अलाव का प्रयोग ज्यादा खतरनाक है। इसके साथ ही बुजुर्गों, बच्चों व गर्भवती की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है इन लोगों के लिए भी बंद कमरे में अलाव का प्रयोग खतरे की घंटी है। गर्भ में पल रहा शिशु व माँ दोनों के लिए बंद कमरे में अलाव का प्रयोग खतरनाक है। बच्चे वयस्कों की तुलना में अधिक जल्दी-जल्दी सांस लेते हैं। वृद्ध लोगों में भी इस गैस का जोखिम ज्यादा है, इसलिए बिना वेंटीलेशन के कमरे में यह लोग अलाव का प्रयोग न करें।
इनसेट –
कमरे में अलाव जलाते समय रखें सावधानियां
– मुंह ढक कर न सोएं
– जहां वेंटीलेशन नहीं है, वहां ख़तरा ज्यादा
– कमरे में एक बाल्टी पानी खुला जरूर रखें
– कमरा गर्म होने के बाद अंगीठी बुझाकर सोएं
– सांस के मरीज कमरे में अलाव न जलाएं
– नवजात के कमरे में अलाव बिलकुल न जलाएं
– अलाव का प्रयोग करते समय खिड़की को थोड़ा खोलकर रखें

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