घटना 1
पंजाब के संगरूर जिले में पांच मजदूर कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे थे। नींद में ही दम घुटने से 4 की मौत हो गई। एक को हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा।
घटना 2
वाराणसी में एक परिवार रात में लोहे की कड़ाही में आग जलाकर ताप रहा था। सभी की नींद आ गई। सुबह 8 बजे जब पड़ोसी ने दरवाजा खटखटाया ताे अंदर से कोई आवाज नहीं आई। दरवाजा तोड़ने पर पता चला कि अंगीठी के धुएं की वजह से 3 बेहोश थे और सबसे छोटे बेटे की जान जा चुकी थी।
घटना 3
राजस्थान के चूरू जिले के रतनगढ़ में सर्दी से बचने के लिए कमरे में सिगड़ी जलाकर सोए परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई। 3 महीने के मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है। बीकानेर में भी ऐसी ही घटना में पति-पत्नी की मौत हो गई।
यह तो सिर्फ गिनी-चुनी घटनाएं है। हर साल ठंड में इस तरह की घटनाएं देशभर से आती है। ठंड के मौसम में अंगीठी, सिगड़ी या हीटर जलाना कॉमन है। इससे गर्माहट जरूर रहती है लेकिन जरा सी लापरवाही जान को जोखिम में डाल सकती है। इससे दम घुट सकता है।
आज जरूरत की खबर में बात अंगीठी या सिगड़ी की करते हैं, जानते हैं कि किस तरह की लापरवाही इसे जानलेवा बना देती है।
सवाल:अंगीठी की वजह से क्या-क्या परेशानी हो सकती हैं?
जवाब:इससे ये 6 परेशानी हो सकती हैं…
- ऑक्सीजन की कमी
- सांस की बीमारी
- स्किन प्रॉब्लम
- सिरदर्द
- आंखों को नुकसान
- बच्चे और पालतू जानवर के जलने का खतरा
सवाल:हीटर, ब्लोअर या अंगीठी में कौन सबसे कम नुकसानदेह है?
जवाब:यह सवाल अक्सर ठंड से पहले आकर लोग पूछते हैं। हकीकत में ये बात मायने नहीं रखती कि कौन-सा साधन कम नुकसानदेह और कौन सा ज्यादा। समझना यह है कि जिस जगह आप इन चीजों को यूज कर रहे हैं वहां वेंटिलेशन की सुविधा जरूर हो। ऐसा नहीं है तो तीनों से खतरा है।
सवाल:अंगीठी का धुंआ आंखों को किस तरह नुकसान पहुंचाता है?
जवाब:आंखों के स्वस्थ रहने के लिए उनका गीला रहना बहुत जरूरी होता है, लेकिन अंगीठी की वजह से हवा में मौजूद नमी सूख जाती है, जिसकी वजह से आंखें भी सूखने लगती हैं। ऐसे में आंखों में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा कॉन्टैक्ट लेंस या चश्मा पहनने वालों की आंखों को भी इससे एलर्जी और दूसरी समस्या हो सकती है।
सवाल:अगर अंगीठी के धुएं की वजह से शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो जाए तब क्या होता है?
जवाब:ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने के बाद व्यक्ति को एस्फिंक्सिया होता है। एस्फिंक्सिया दिल, दिमाग और दूसरे हिस्सों में ऑक्सीजन की सप्लाई को कम कर देता है। जब दिल को कम खून सप्लाई होता है तब दूसरे टिशू सही मात्रा में ब्लड पंप करने में असमर्थ होते हैं। इस वजह से कार्डियक अरेस्ट होता है। इस स्थिति में पेशेंट को बिना देर किए ट्रीटमेंट देना चाहिए।