वन विभाग ने विंध्य क्षेत्र के गांवों में जंगली हाथियों के हमले रोकने के लिए मधुमक्खियों की फौज तैयार की

 

 

मध्यप्रदेश वन विभाग ने विंध्य क्षेत्र के गांवों में जंगली हाथियों के हमले रोकने के लिए मधुमक्खियों की फौज खड़ी करने की रणनीति तैयार की है। गौरतलब है कि हाथी मधुमक्खियों से बहुत डरता है, क्योंकि वे हाथी की आंख और सूंड में डंक मारती हैं। मधुमक्खियों की आवाज हाथियों को परेशान करती है। इसलिए हाथी उस इलाके से दूर भागते हैं।

मप्र वन विभाग राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से जंगल से सटे गांवों में मधुमक्खियों के शहद बॉक्स बंटवाने की तैयारी कर रहा है। इन बॉक्स को उन रास्तों में रखवाया जाएगा, जहां से हाथी बस्तियों में प्रवेश करते हैं। मानव-हाथी द्वंद में दोनों को नुकसान से बचाने के लिए मप्र वन विभाग ने निगरानी के लिए हाथी मित्र दल और हमले की आशंका होने पर रैपिड रिस्पॉन्स टीमों के गठन के प्रावधान किए हैं। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जेएस चौहान के मुताबिक वर्तमान में विंध्य और महाकौशल के जंगलों में 66 जंगली हाथी घूम रहे हैं।

66 जंगली हाथी घूम रहे हैं विंध्य-महाकौशल क्षेत्र में

रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, डिंडोरी और मंडला जिले में छत्तीसगढ़ से हाथी बार-बार आ रहे हैं। इनके हमलों से किसानों की वहीं किसान द्वारा इलेक्ट्रोक्यूशन और जहर देने से हाथियों की मौत हुई है।

हमले रोकने ये उपाय भी करेंगे

  • जंगल से बस्तियों की ओर आने वाले रास्तों पर हाथी रोधी खाई (ट्रेंच) बनाई जाएंगी। ये खाई दो मीटर गहरी और 3 मीटर चौड़ी होगी। दूर से दिखेगी।
  • हाथी दूर तक नहीं देख सकते। वे सिर्फ नजदीक होने पर ही हमला करते हैं। इसलिए गांव-गांव में हाथी मित्र दलों के जरिए लोगों को समझाया जाएगा, कि हाथियों से कम से कम 250 मीटर दूर रहें।
  • हाथियों के गांवों के नजदीक आने पर मिर्च पाउडर जलाकर और पटाखे फोड़कर उन्हें भगाया जाएगा।
  • कुछ स्थानों पर हानि रहित पॉवर फेंसिंग लगाने की भी तैयारी है, जो सोलर पैनल आधारित होगी। इसमें हल्का करंट आने से हाथी उसे पार नहीं करेंगे।
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