महंगाई ने बिगाड़ा किचन का बजट, आम से खास सभी लोगों की बढ़ीं मुश्किलें

 

 

दिन प्रतिदिन बढ़ती महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ रही है। महंगाई के कारण जहां एक ओर निम्न वर्ग के लिए थाली महंगी होती जा रही है तो वहीं गृहणियों का घरेलू बजट भी बिगड़ रहा है। दो दिन पहले ही आटे के दाम में प्रति किलोग्राम दो रुपये की बढ़ोतरी हुई है, मैदा भी दो रुपये महंगा हो गया है।

हाल ही में आई एक रिपोर्ट में सरकार ने महंगाई दर को निचले स्तर पर दिखाया है, लेकिन बाजारों में हकीकत इससे कोसों दूर देखने को मिल रही है। आलम यह है कि महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ रही है। एनआईटी एक स्थित कृष्णा ट्रेडर्स संचालक विक्की चौधरी ने बताया कि आटे के दाम में पिछले छह महीने में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है, जुलाई में 300 रुपये में मिलने वाला 10 किलो आटे का कट्टा अब 350 रुपये में मिल रहा है। एक सप्ताह पहले यह 330 रुपये का था। उनका कहना है कि आटे के दाम में बढ़ोतरी का कारण हरियाणा के गेहूं का नहीं मिलना है, इसलिए आटे के रेट में बढ़ोतरी हो रही है।

चक्की चालक गोपाल ने बताया कि अब वह लोगों द्वारा लेकर आने वाले गेहूं को ही पीस रहे हैं। इसके अलावा 30 रुपये किलो मिलने वाले चावल का दाम 40 रुपये प्रति किलो हो गया है। सरसों का तेल 190 पर पहुंच गया है। देसी घी 500 रुपये किलो और रिफाइंड 160 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है।

मसालों के दाम बढ़े
एनआईटी स्थित गौरव पंसार संचालक संजय कुमार ने बताया कि मसाले के दाम में भी 30 से 100 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। 6 महीने पहले 300 रुपये प्रति किलो के अनुसार मिलने वाले जीरे की कीमत 400 रुपये हो गई है। साबुत मिर्च 320 और धनिया 120 से 190, तथा हल्दी की कीमत 230 से 260 रुपये किलोग्राम हो गई है। इसके अलावा दाल के दाम में भी 10 से 30 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

सामान जुलाई 2022 जनवरी 2023
आटा (10 किलोग्राम) 300 350
चावल (प्रति किलोग्राम) 30 40
अरहर की दाम 100 110
उड़द की दाल 90 110
चना की दाल 60 70
काले चने 60 75
चीनी 40 45-50
राजमा 80 140
सरसों का तेल (एक ली.) 170 190

लोगों से बातचीत
महंगाई से आम आदमी का बोझ बढ़ता जा रहा है, घर-खर्च कटौती के बाद कम नहीं हो रहा है। समझ नहीं आ रहा है कि क्या खिलाएं और क्या बचाया जाए। -भारती देवी, गृहिणी।

स्कूल की फीस से लेकर खाद्य पदार्थों के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन तनख्वाह पहले के समान ही है। अब बड़ी मुश्किल से गुजर बसर कर रहे हैं। आम आदमी के लिए महंगाई के बीच जीवनयापन करना जंग जीतने के समान हो रहा है।

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