लाहौर
पाकिस्तान की एक हाई कोर्ट के जज ने शनिवार को देश की ताकतवर खुफिया एजेंसी ISI पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह चीफ जस्टिस और अन्य जजों पर ऐसे फैसले सुनाने को लेकर दबाव बना रही है जिससे एजेंसी को फायदा हो। इनमें अयोग्य करार दिए गए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का मामला भी शामिल है। ISI नहीं चाहती कि 25 जुलाई को होनेवाले आम चुनाव से पहले नवाज शरीफ जेल से बाहर आएं।
रावलपिंडी बार असोसिएशन में अपने संबोधन के दौरान इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जज शौकत सिद्दीकी ने न्यायपालिका और मीडिया को नियंत्रित करने की कोशिशों को लेकर खुले तौर पर इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI)पर हमला बोला। न्यापालिका और मीडिया बंदूकवाले (सेना) के नियंत्रण में आ गए हैं। न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है। यहां तक कि मीडिया को भी सेना से निर्देश मिल रहे हैं। मीडिया सच नहीं बोल रहा है क्योंकि वह दबाव में है और उसके अपने हित हैं। उन्होंने कहा, ‘अलग अलग मामलों में आईएसआई मनचाहे परिणाम हासिल करने के लिए अपनी पसंद की पीठें गठित कराती है।
जस्टिस शौकत सिद्दीकी ने कहा, ‘आईएसआई ने चीफ जस्टिस से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज 25 जुलाई को होने वाले चुनाव से पहले जेल से बाहर नहीं आएं। इतना ही नहीं यह भी कहा गया है कि एवेनफील्ड मामले में नवाज शरीफ और उनकी बेटी की अपील की सुनवाई कर रही पीठ में मुझे शामिल नहीं करें। मुख्य न्यायाधीश ने आईएसआई से कहा कि वह उसकी पसंद की पीठ बनाएंगे।
पीठ ने शरीफ परिवार के सदस्यों की अपील पर सुनवाई चुनाव से बाद करना तय किया। शरीफ और मरियम दोनों एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में रावलपिंडी स्थित अदियाला जेल में क्रमश: 10 साल और 7 साल की सजा काट रहे हैं। दोनों को 13 जुलाई को लंदन से पाकिस्तान पहुंचने पर गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों को एक जवाबदेही अदालत ने ब्रिटेन की राजधानी लंदन में परिवार के 4 फ्लैटों के स्वामित्व को लेकर दोषी पाया था।