राहुल को शादी के लिए लविंग, इंटेलिजेंट लड़की की तलाश, बोले- जब मिल जाएगी, शादी हो जाएगी

 

 

भारत जोड़ो यात्रा के बीच राहुल गांधी ने फूड, शादी, फर्स्ट जॉब और परिवार पर खुलकर बात की। राहुल ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें शादी से कोई परहेज नहीं है। जब सही लड़की मिल जाएगी, शादी हो जाएगी। उन्होंने अपने फर्स्ट जॉब के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, ‘मैंने पहला जॉब लंदन में किया था। कंपनी का नाम मॉनिटर था।’

यह इंटरव्यू उन्होंने राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यूट्यूब चैनल ‘कर्ली टेल्स’ की काम्या जानी को दिया। राहुल का यह इंटरव्यू रविवार को रिलीज किया गया। इसमें उन्होंने कुछ मजेदार किस्से भी सुनाए।

सवाल- खाने में क्या पसंद है?
जवाब- मैं हर चीज खाता हूं। हालांकि, मुझे कटहल और मटर पसंद नहीं है। जब मैं घर पर होता हूं तो खाने पीने को लेकर काफी सख्त रहता हूं। यहां मेरे पास कोई चॉइस नहीं है। यात्रा के दौरान जो भी मिल जाता है खा लेता हूं। तेलंगाना में लोग खाने में मिर्ची ज्यादा खाते हैं। वहां थोड़ी मुश्किल हुई।

मैं कश्मीरी पंडित के घर में पैदा हुआ, जो उत्तर प्रदेश आ गए थे। पापा के पिताजी पारसी थे। तो घर में सामान्य खाना बनता है। लंच में देसी खाना होता है और रात में कॉन्टिनेंटल खाना बनता है। हां, आइसक्रीम सबसे ज्यादा पसंद है। इसके अलावा खाने में तंदूरी खाना पंसद है। चिकन टिक्का, सीख कबाब और आमलेट पंसद है।

सवाल- दिल्ली में आपको खाने-पीने को लेकर कौन सी जगह पसंद है?
जवाब- मैं पहले पुरानी दिल्ली जाता था। अब मोती महल जाता हूं। कभी-कभी सागर, स्वागत और सर्वना भवन भी जाता हूं।

सवाल- आपका स्कूल टाइम कैसा रहा?
जवाब-
 मैं बोर्डिंग स्कूल में था। दादी की हत्या से पहले हमें वहां से निकाल लिया गया। इसके बाद होम स्कूलिंग शुरू हुई, क्योंकि सिक्योरिटी रीजन के चलते हमें स्कूल जाना अलाउड नहीं था।

सवाल- आपने कहां तक पढ़ाई की है?
जवाब- 
मैं बहुत सालों तक सेंट स्टीफन कॉलेज में था। वहां मैंने हिस्ट्री की पढ़ाई। इसके बाद में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चला गया, वहां मैंने इंटरनेशनल रिलेशन एंड पॉलिटिक्स पढ़ी। फिर पापा की मौत हो गई। इसके बाद मैं अमेरिका के रोलिंस कॉलेज चला गया, यहां मैंने इंटरनेशनल रिलेशन, इकोनॉमिक्स पढ़ी। मैंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से मास्टर्स किया है।

सवाल- पहली नौकरी और सैलरी के बारे में बताइए? जवाब- मैंने पहली नौकरी लंदन में की थी। कंपनी का नाम ‘मॉनिटर’ था, जो एक स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग कंपनी थी। उस वक्त मुझे जो सैलेरी मिलती थी, वह तब के हिसाब से काफी थी। वो सारा पैसा घर का किराया और दूसरी चीजों में खर्च हो गया था। उस दौरान मुझे 3000 से 2,500 पाउंड सैलरी मिली थी। उस समय मैं 25 साल का था।

सवाल- आपको पॉलिटिक्स में इंटरेस्ट कैसे आया?
जवाब-
 मैं पॉलिटिकल फैमिली से आता हूं। जब हम छोटे थे तो डाइनिंग टेबल पर पॉलिटिक्स के कई मुद्दों, इंडिया और जो भी उस वक्त चल रहा होता था उस पर चर्चा की जाती थी। दादी की मौत के बाद भी सब कुछ बदल गया। पापा की मौत का भी कुछ इंपेक्ट पड़ा।

सवाल- शादी कब करेंगे?
जवाब- जब कोई सही लड़की मिलेगी, तो शादी कर लूंगा। एक ही शर्त है कि लड़की लविंग और इंटेलिजेंट होनी चाहिए। मेरे माता-पिता की शादी शानदार रही थी। इसलिए शादी के बारे में मेरे ख्याल बहुत ऊंचे हैं। मैं भी ऐसे ही किसी जीवन साथी की तलाश में हूं।

सवाल- गुस्सा आने पर कौन से शब्द बोलते हैं?
जवाब- ज्यादा गुस्सा आने पर मैं एकदम चुप हो जाता हूं या फिर डोंट डू दैट (ऐसा मत करो) कहता हूं। पहले मैं और बहन बहुत लड़ते थे, लेकिन पापा की मौत के बाद हमने लड़ना बंद कर दिया।

सवाल- बेड के पास क्या-क्या रखते हैं?
जवाब- बेड की साइड वाली ड्रॉर में पासपोर्ट, ID, रुद्राक्ष, शिव और बुद्ध की तस्वीरें रखी हैं। इसके साथ ही पर्स और फोन भी होता है। रात को सोते समय फोन अलग रख देता हूं। मैं सोशल मीडिया ज्यादा यूज नहीं करता हूं। सिर्फ व्हाट्सएप यूज करता हूं और कुछ युवाओं को एडवाइज देता हूं।

सवाल- आप देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो क्या करेंगे?
जवाब- मैं एजुकेशन सिस्टम को ट्रांसफोर्म करना चाहूंगा। छोटे-मोटे व्यापार में लगे लोगों की मदद करना चाहूंगा। इस समय इन लोगों को बड़े व्यापार में ले जाने की जरूरत है। जो लोग बुरे वक्त से गुजर रहे हैं जैसे किसान, मजदूर और बेरोजगार युवा, इन्हें सुरक्षा देना चाहूंंगा।

सवाल- आपने भारत जोड़ो यात्रा क्यों शुरू की?
जवाब-
 हमारी संस्कृति में तपस्या का बहुत महत्व है। यात्रा को शुरू करने के पीछे यह भी एक वजह है। किसी भी काम को करने में आनेवाली कठिनाइयां एक तरह की तपस्या है। किसी ने केरल से यात्रा को जॉइन किया, किसी ने मध्य प्रदेश से जॉइन किया, कोई पूरा रास्ता साथ रहा। लोगों से सीखने को मिल रहा है, उनसे बातचीत हो रही है। लोगों के दिल में जो दर्द है, वो समझ में आ रहा है। यात्रा के दौरान धैर्य बहुत बढ़ गया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.