लखनऊ में पांच मंजिला इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई। मलबे के पास जब लोग पहुंचे तो भीतर से चीखें सुनाई देने लगीं। वे मदद की गुहार लगा रहे थे। बाहर मौजूद लोगों का सब्र जवाब दे रहा था, क्योंकि वे चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे थे। कोई पुलिस को फोन कर रहा था तो कोई लोगों को इकट्ठा कर रहा था, तो कुछ खुद ही ईंटें आदि हटाने में जुटे थे।
शायद वह एक आध जिंदगी बचा सकें। हालांकि ये इतना आसान नहीं था। इसलिए लोग बेबस खड़े रहे। जब पुलिस, सेना, एसडीआरएफ के जवान पहुंचे तब रेस्क्यू का काम शुरू हो सका और दबे लोग निकाले जाने लगे। स्थानीय लोगों ने बताया कि मलबे का ढेर देख कर लगा कि कोई नहीं बचा होगा। वह आनन फानन वहां पहुंचे। भीतर दबे लोग आस लगाए थे। तेजी से चीख रहे थे।
सपा नेता का परिवार भी मलबे में था। जो बाहर थे वह रोते बिलखते भटक रहे थे। तभी परिवारीजनों ने भीतर से फोन किया। मलबे के नीचे से आवाज आई-हम जिंदा हैं। ये आवाज सुन परिवार ने एक पल के लिए राहत की सांसें लीं।
कुछ देर बाद उनके परिवार के दो लोगों को बाहर निकाल लिया गया। दो अन्य लोग भीतर ही फंसे रहे। दो लोगों के सही सलामत बाहर निकलने से अन्य जो फंसे हैं उनके भी बचने की उम्मीद जाग गई।
पास के अपार्टमेंट की छतों से चीखते-चिल्लाते रहे लोग
इतना बड़ा हादसा देख हर कोई दहल गया। पास के अपार्टमेंट में रहने वाले लोग छतों पर पहुंच गए। वह भी चीखने चिल्लाने लगे। उनको भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हादसा कैसे हुआ। कुछ तो इस डर में थे कि कहीं भूकंप की वजह से तो नहीं बिल्डिंग गिर गई। इसलिए वह भी डरे हुए थे।
आपको बता दें कि राजधानी लखनऊ में मंगलवार शाम खौफनाक हादसे में वजीर हसन रोड स्थित एक पांच मंजिला अपार्टमेंट ताश के पत्तों की तरह ढह मलबे में तब्दील हो गई। पांच मंजिला इमारत में करीब 16 फ्लैट बने हुए थे। इन सभी में परिवार रह रहे थे।