बसों में लूट पर प्रशासन चुप

रेवाड़ी से धारूहेड़ा रूट पर संचालित सहकारी समिति एवं निजी बसों में किराया रोडवेज का नहीं अपितु मनमर्जी का चल रहा है। हालात यह है कि क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के पास रोडवेज के माध्यम से भी शिकायतें जा चुकी है और यात्री भी शिकायत कर चुके हैं लेकिन इन पर कार्रवाई की बजाय विभाग की तरफ से कुंडली मारी हुई है।

उधर निजी बस ऑपरेटर पिछले एक साल से भी अधिक समय से 23 की बजाय 30 रुपए किराया वसूल ले रहे हैं। ​​​​​​रेवाड़ी से धारूहेड़ा रूट पर सोसायटी की बसों के अलावा काफी इंटर स्टेट परमिट की भी बसों का संचालन हो रहा है। रोडवेज की तरफ किलोमीटर के अनुसार धारूहेड़ा का किराया 23 रुपए तय किया हुआ है।

रोडवेज की बसों में यात्रियों से इतना ही किराया लिया जा रहा है जबकि निजी एवं सोसायटी की बसों में यह किराया 30 रुपए वसूला जा रहा है। जबकि रोडवेज की तरफ से सरकार की तरफ से की गई बढ़ोतरी के अनुसार ही किराया 23 रुपए तय किया था। इस किराए के बाद भी निजी ऑपरेटरों की तरफ से 30 रुपए लिया जा रहा है। ऐसा पिछले एक साल से भी अधिक समय से चल रहा है।

इसको लेकर रोडवेज प्रबंधन की तरफ से यात्रियों की मिली शिकायतों को आरटीए ऑफिस को भेजा गया था। इसके अतिरिक्त यात्रियों की तरफ से भी सीधे आरटीए ऑफिस को भी शिकायत की गई, लेकिन आरटीए ऑफिस की तरफ से कार्रवाई नहीं किए जाने की वजह से इनके हौसले बुलंद हैं।

ऐसे में कोई यात्री यदि अधिक किराए को लेकर विरोध जताता है उनके साथ बदसलूकी की जाती है। वहीं प्रशासन की तरफ से कार्रवाई नहीं होने से अब यात्रियों के पास अधिक किराया देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

अन्य मामलों में भी आरटीए प्रशासन ने की कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
आरटीए प्रशासन निजी एवं सोसायटी बसों की शिकायतों के संबंधित में अभी तक नरम रूख रखता है। इससे पहले भी छात्राओं की तरफ से किराया वसूली और तय बस स्टॉप से पहले उतारने के मामले में हुई शिकायतों पर खानापूर्ति कर दी गई। इस मामले में भी रोडवेज के जरिए शिकायत जाने के बाद भी आरटीए प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है।

शिकायतें संज्ञान में नहीं, गुड़गांव के अधीन धारूहेड़ा रूट पर अधिक किराया वसूली की शिकायतें मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि इस तरह अधिक किराया लिया जा रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी। सोसायटी की बसों पर कार्रवाई का अधिकार गुड़गांव आरटीए के पास है। शिकायत आई है तो उनको भेजा जाएगा। – गजेंद्र शर्मा, डीटीओ कम आरटीए सचिव, रेवाड़ी।

गांवों का भी मनमाफिक किराया वसूल जा रहा

रोडवेज प्रबंधन की तरफ से दिल्ली रोड स्थित हांसाका, मसानी, खरखड़ा भी किराया तय किया हुआ है। इस रूट पर आने वाले गांवों में रोडवेज बसों का ठहराव कम होने से इन गांवों के लिए ऑटो एवं निजी बसों के अलावा जाने का कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में ऑटो चालक एवं बस ऑपरेटर मसानी के 20 रुपए और खरखड़ा का 25 रुपए तक किराया वसूलते हैं। सभी गांवों के बस स्टॉप के लिए निजी बस चालक 5 से 10 रुपए तक अधिक वसूल रहे हैं। इनकी तरफ से किराए की अधिक वसूली पर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण ने पूरी तरह से आंखें बंद की हुई है।

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