अभियोजन पक्ष के मुताबिक चार अप्रैल 2022 को अब्बासी ने मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवान अनिल कुमार पासवान पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर दिया था, जिसमें उसे गंभीर चोट आई थी
लखनऊ: आतंकवाद निरोधक दस्ता अदालत के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवानों पर जानलेवा हमला करने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मामले में सोमवार को आतंकी अहमद मुर्तजा अब्बासी को मौत की सजा सुनाई है. बीते दिनों कोर्ट की ओर से मुर्तजा को यूएपीए, देश के खिलाफ जंग छेड़ने और जानलेवा हमले के आरोप में दोषी करार दिया गया था. अदालत ने अपराधी के खिलाफ 44 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. इस संबंध में विनय कुमार मिश्र ने चार अप्रैल 2022 को गोरखनाथ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी
अदालत ने दोषी को सजा के प्रश्न पर सुनने के उपरांत देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप की धारा 16, 20 एवं 40 के अलावा, धार्मिक उन्माद फैलाने, प्रतिबंधित स्थान पर प्रवेश करने, जानलेवा हमला करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, सरकारी ड्यूटी पर तैनात कर्मी को गंभीर चोट पहुंचाने, लूटपाट करने सहित विभिन्न मामलों में दंडित किया है
अभियोजन पक्ष के मुताबिक चार अप्रैल 2022 को अब्बासी ने मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवान अनिल कुमार पासवान पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर दिया था, जिसमें उसे गंभीर चोट आई थी. इस मामले की रिपोर्ट थाना गोरखनाथ में दर्ज कराने वाले विनय कुमार मिश्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पीएसी के सिपाही को घायल करने के बाद अब्बासी ने जवान का राइफल छीनने की कोशिश की और यह नीचे गिर गया.
इसमें कहा गया है कि जब सिपाही अनिल कुमार पासवान को बचाने के लिए दूसरा जवान आया तो उस पर भी आरोपी ने जान से मारने की नियत से धारदार हथियार से हमला कर दिया. यह भी कहा गया है कि घटना के समय ड्यूटी पर तैनात अन्य पुलिसकर्मियों ने घायल जवान और उसके राइफल को उठाया तथा उसकी जान बचाई. इस दौरान उसने हथियार लहराते हुए धार्मिक नारा लगाते हुये पीएसी चौकी की तरफ दौड़ा था, जिससे वहां अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया. थाने में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार आतंकी पर बांस से प्रहार करके उसे काबू किया गया. इसमें कहा गया है कि मौके पर पकड़े गए आरोपी के पास से उर्दू में लिखी हुई एक धार्मिक किताब भी बरामद हुई थी. गिरफ्तारी के समय ही अभियुक्त को किसी जिहादी संगठन से संबंधित बताया गया था। इस मामले की जांच उप्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने की थी