इमामे अहले सुन्नत हजरत सय्यद मो. मुख्तार अशरफ का मनाया उर्स – भारत ही नहीं यूरोप, एशिया समेत पूरी दुनिया में है चाहने वाले : हाशिम
फतेहपुर। इमामे अहले सुन्नत व सरकारे कला र.अ. हजरत सय्यद मो.मुख्तार अशरफ बहुत बड़े वली थे। उनके मुरीदों में बड़ी-बड़ी महान हस्तियां मौजूद हैं। यह विचार शहर के आबूनगर स्थित अशरफी कोचिंग सेंटर आल इंडिया गरीब नवाज कौंसिल के तत्वाधान में आयोजित गरीब नवाज हफ्ता के 20 वें प्रोग्राम उर्स-ए-सरकारे कलां में कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हजरत (मौलना) मो. हाशिम अशरफी इमाम ईदगाह गद्दियाना ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि सिलसिला ए चिश्तिया की एक शाखा सिलसिला ए अशरफिया भी है। जिसके संस्थापक हजरत मखदूम अशरफ जहांगीर समनानी हैं। इसी सिलसिले के एक बड़े सूफी बुजुर्ग सरकारे कलां हजरत सय्यद मो. मुख्तार अशरफ अशरफी उल जीलानी हैं। उन्होने ही मुफ्ती-ए-आजम हिन्द की नमाजे जनाजा पढाई। आपका जन्म किछौछा शरीफ के बहुत शिक्षित एवं सम्मानित खानदान में हुआ। आपने अपना पूरा जीवन दीन के प्रचार प्रसार एवं मानव सेवा में व्यतीत किया। लोगों तक ख्वाजा गरीब नवाज के मिशन को पहुंचाया। आपकी मजार किछौछा शरीफ में लोगों की आस्था का केंद्र है। आपके मुरीदीन एवं चाहने वाले केवल भारत ही में नहीं बल्कि यूरोप, एशिया समेत पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। जो ख्वाजा गरीब नवाज के मिशन को फैला रहे हैं। मौलाना मोइनुद्दीन अशरफी ने कहा कि इल्म हर हाल में हासिल करें। इल्म ही से इंसान कामयाब होता है। उम्दा रिजल्ट लाने वाले बच्चों को अशरफी कोचिंग सेंटर की जानिब से लैपटाप देने का एलान किया गया। इससे पूर्व जलसे का आरंभ कुरान ए पाक से कारी मो.इदरीस ने किया। संचालन हाफिज उवैस अहमद ने किया। हदया-ए-नात खुर्शीद आलम, हाफिज शाहिद अली ने पेश किये। सलातो सलाम मुल्क और आलम ए इस्लाम की तरक्की व खुशहाली, अमनो अमान के लिए दुआएं की गयीं। हजारों लोगो को लंगर खिलाया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से हाफिज कफील अहमद, कारी शमशाद अहमद, कारी मो. आमिर समेत काफी तादाद में लोग उपस्थित रहे।