पिछले दिनों सचिन पायलट ने जिस तरीके से सरकार से सवाल किए हैं उससे लग रा था कि अब ये अभियान जारी रहने वाला है, लेकिन अब विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया तो पायलट ने उन सवालों को सदन में नहीं उठाया.
राजस्थान की राजनीति में फिर एक नई बात पर बहस छिड़ गई है. बहस इस बात पर है कि जिन नेताओं ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ सभाएं कर उनसे सवाल किया और रैलियों में सरकार के खिलाफ भाषण दिया. वहीं जब सवाल सदन में पूछने का समय आया तो वो नेता नदारद दिखे.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं प्रमुख रूप से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) की. दोनों नेताओं ने सरकार को लगातार घेरा. युवाओं, किसानों और नकल माफियों के मुद्दे को प्रमुख रूप से इन दोनों नेताओं ने खूब उठाया है. वहीं सदन में इन्होंने एक भी सवाल नहीं किया है, तो क्या सरकार को घेरने की दोहरी नीति बनाई गई है? इस बात की चर्चा अब सदन में भी होने लगी है.
पिछले दिनों सचिन पायलट ने जिस तरीके से सरकार से सवाल किए हैं उससे यह समझ में आने लगा था कि अब ये अभियान जारी रहने वाला है, लेकिन अब अभियान शांत होता नजर आ रहा है. न सराकर से सवाल होते दिख रहे हैं और न ही युवाओं के बीच में कोई सभा हो रही है. जिस तरीके से नागौर के परबतसर, हनुमानगढ़ के पीलीबंगा, झुंझुनू के गुढ़ा, पाली के समदड़ी, जयपुर के महाराजा कॉलेज ग्राउंड में सचिन पायलट के साथ युवाओं और किसानों की भीड़ दिखी थी उससे अंदाजा शक्ति प्रदर्शन का लगाया जा रहा था. वहीं जब विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया तो सचिन पायलट ने उन सवालों को सदन में नहीं उठाया न ही कोई चर्चा की.
राजे ने लगाया आरोप
वसुंधरा राजे ने पिछले दिनों कई सभाओं में वर्तमान सरकार पर खूब जमकर हमला बोला है. जब एक दिसंबर को जन आक्रोश रथ यात्रा बीजेपी ने शुरू की थी तो उस दिन पूर्व सीएम राजे ने अशोक गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला था. उसके बाद से कई सभाओं में भी राजे सरकार पर आक्रामक दिखीं. उसके बाद से जोधपुर में हुई दुर्घटना को लेकर भी हमलावर रहने वाली वसुंधरा अब सदन में एक भी सवाल नहीं पूछ रहीं हैं. इतना ही नहीं सदन में जहां एक तरफ पूरी बीजेपी आंदोलित है वहीं राजे सदन में नहीं हैं. युवाओं और किसानों के मुद्दे बस सभाओं में ही पूछे जायेंगे या सदन में भी? इसकी चर्चा तेज हो गई है.
बजट और नेता सदन में नहीं
अशोक गहलोत (Ashok gehlot) सरकार का यह चुनावी बजट है. इस सरकार का यह आखिरी बजट है, लेकिन क्या ये दोनों प्रमुख नेता वसुंधरा राजे और सचिन पायलट सदन में सरकार से वही सवाल पूछेंगे जो सभाओं में पूछते रहे हैं. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कह चुके हैं कि इस बार का बजट युवाओं के नाम का बजट होगा? तो क्या इसे यह माना जाय इसीलिए कोई सदन में अभी सवाल नहीं कर रहा है. या सभी को बस बजट के आने का इंतजार है.