देश में गेहूं की कीमत बढ़ने का असर आटे पर देखने को मिल रहा है. कीमत कम करने के लिए केंद्र सरकार भारत आटा नाम से खुद आटा बेचेगी. वहीं आटे की कीमत 29.5 रुपये प्रति किलोग्राम रखी गई है.
देश में बड़ी गेहूं की कीमतों ने केंद्र सरकार की टेंशन बढ़ा रखी है. कीमत कम करने का दबाव केंद्र सरकार पर काफी समय से बना हुआ है. दरअसल, गेहूं के बढ़े दामों का असर आम आदमी की रसोई पर देखने को मिल रहा है. रसोई का बजट तक बिगड़ गया है. लेकिन अब जो केंद्र सरकार की ओर से खबर सामने आई है. वह खासी राहत देने वाली है.
29.5 प्रति दर से बिकेगा भारत में आटा
बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए केंद्र सरकार के स्तर से बड़ा कदम उठाया गया है. निजी कारोबारियों और फर्मां की मनमानी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने खुद ही आटा बेचने का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार जिस आटे को बेचेगी. उसका नाम भारत आटा रखा गया है. इसकी कीमत 29.5 रुपये प्रति किलोग्राम होगी.
6 से शुरू की जाये आटे की बिक्री
केंद्र सरकार ने आटे की कीमत और उसकी बिक्री को लेकर अपना रूख एकदम साफ कर दिया है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के बयान अनुसार, केंद्रीय भंडार और नाफेड जैसी सहकारी समितियां 29.5 रुपये प्रति किलोग्राम आटा बेच सकेंगी. नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया 6 फरवरी से इतनी कीमत पर आटे को बेचना शुरू कर देंगी. सरकारी आउटलेट पर आसानी से इतनी कीमत पर आटा आम कंज्यूमर को मिल जाएगा.
40 रुपये तक बिक रहा आटा
केंद्र सरकार की कोशिश है कि आटे की कीमत 30 रुपये किलो के आसपास या इससे नीचे ही रहें. लेकिन मौजूदा समय में देखें तो देश की कई मंडियों में गेहूं की बिक्री ही 50 रुपये प्रति किलो तक हुई है. हालांकि अधिकांश राज्यों में 35 से 40 रुपये के बीच गेहूं के भाव बने हुए हैं. इस हिसाब से देखें तो आटे की कीमत और अधिक हैं.
बाजार में उतारा 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं
देश में गेहूं और आटे की कीमत को कम करने के लिए केंद्र सरकार किस कदर फिक्रमद है. रिपोर्ट के अनुसार, एक साल पहले आटे का अखिल भारतीय दैनिक खुदरा मूल्य 31.14 रुपये प्रति किलोग्राम था, जोकि बढ़कर अब 38 रुपये प्रतिकिलोग्राम से अधिक हो गया है. इसी भाव को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने कदम उठाया है. बाजार में 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं उतारा गया है. केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से गेहूं की महंगाई काफी कम हो सकेंगी.
होगी आटा बिक्री
केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण के अधिकारियों के स्तर से इसको लेकर एक बैठक की गई. वितरण सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम, केंद्रीय भंडार, नेफेड और एनसीसीएफ के अधिकारियों के साथ बैठक की गई. बैठक में तय हुआ है कि ये सभी संस्थान एफसीआई डिपो से 3 लाख मीट्रिक टन तक गेहूं उठाएंगे.
इस गेहूं को आटे बनाया जाएगा. उसके बाद खुदरा दुकानों, मोबाइल वैन आदि से उपभोक्ताओं को 29.5 रुपये प्रति किलोग्राम पर आटा बेचना होगा. वहीं, राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के निगम, सहकारी समिति, महासंघ या स्वयं सहायता समूहों को भी केंद्र से 23.5 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं आवंटित किया जा सकता है. मगर ये उपभोक्ताओं को 29.5 रुपये प्रति किलोग्राम आटा के हिसाब से ही बिक्री करना होगा.