गन्ना रेट घोषित नहीं करने और आवारा पशुओं की समस्या को लेकर राष्ट्रीय लोकदल कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को गाजियाबाद में कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जुलूस निकालकर नारेबाजी की। उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित तीन सूत्रीय ज्ञापन डीएम कार्यालय पर सौंपा। रालोद जिलाध्यक्ष अमित त्यागी सरना ने कहा, चीनी मिलों का पेराई सत्र शुरू हुए तीन महीने बीत चुके हैं। सरकार अब तक गन्ने का लाभकारी मूल्य घोषित नहीं कर सकी है। किसान इकलौता ऐसा उत्पादक है, जिसे अपने उत्पादक का रेट तय करने का भी अधिकार नहीं है। किसान अपने खून-पसीने से सींची फसल मिल मालिकों को देता है, लेकिन उसको ये पता नहीं होता कि फसल का पैसा कितना मिलेगा। जिलाध्यक्ष ने कहा कि रालोद एक महीने से ‘किसान संदेश अभियान’ चला रही है। प्रदेशभर से 2 लाख से ज्यादा किसान मुख्यमंत्री को पत्र
7 फरवरी को फिर धरना-प्रदर्शन चेतावनी
ज्ञापन में सत्र 2022-23 में गन्ने का लाभकारी रेट तत्काल घोषित करने, बकाया गन्ना भुगतान ब्याज सहित दिलाने और आवारा पशुओं से फसल बचाने के लिए उचित समाधान करने की मांग की गई है। रालोद ने चेतावनी दी है कि अगर 5 फरवरी तक इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो 7 फरवरी को प्रदेश के सभी जिलों में सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन होगा।लिखकर गन्ना रेट घोषित करने की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद गन्ना रेट घोषित नहीं हो रहा है। जिससे किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है।