मेरी मदद करें। 4 बार की पूर्व सपा विधायक गजाला लारी और उनके भाई से मुझे और मेरे बच्चे को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। गजाला के भाई और मेरे पति शारिक अराफात कुरैशी अवैध तरीके से दूसरी शादी करने जा रहे हैं।”
ये शब्द हैं भाजपा से अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य रह चुकीं सोफिया अहमद के। 24 जनवरी 2023 को सोफिया ने ऊपर लिखे कैप्शन के साथ ट्वीट किया। PM मोदी और CM योगी से मदद की गुहार लगाते हुए उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट किया।
वीडियो में उन्होंने क्या कहा? क्यों कहा? ये आगे जानेंगे और देखेंगे। उससे पहले वो पूरी कहानी जानते हैं जिसकी वजह से ये वीडियो बनाने की नौबत आई? ये भी जानेंगे कि सोफिया ने अपने पति की दूसरी शादी कैसे रुकवाई?
आइए पहले साल 2015 के जून महीने में चलते हैं और सोफिया की कहानी उन्हीं की जुबानी जानते हैं। साथ ही कानपुर कमिश्नर की बातों पर भी चलेंगे जिन्होंने कानूनी तौर पर सोफिया की मदद की।
शादी में मां-पापा ने BMW कार दी, 2 करोड़ रुपए खर्च किए
सोफिया ने बताया, “मैं मूल रूप से चेन्नई की हूं।12 जून 2015 को कानपुर कैंट के स्टेटस क्लब में मेरी शादी शारिक अराफात से हुई। मेरे मां-पापा ने 20 लाख रुपए के हीरे और सोने के जेवर, 5 लाख के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, 5 लाख के कपड़े और BMW कार समेत कई चीजें दी थीं। मेरे मां-पापा ने शादी में 2 करोड़ रुपए खर्च किए। शादी धूमधाम से हुई।”
प्रेग्नेंट होते ही मुझे पीटने लगा
सोफिया कहती हैं, “शादी के कुछ ही दिन बाद मैं प्रेग्नेंट हो गई। शारिक मेरे साथ मारपीट करने लगा। शराब के नशे में वो मुझे आए दिन पीटता था। मुझसे और मेरे परिवार से और दहेज की डिमांड करने लगा। मेरे मां-पापा ने देने में पहले ही कोई कमी नहीं छोड़ी थी। 31 मई 2016 को मेरे बेटा हुआ। मैंने उसे किन हालातों में जन्म दिया, मैं ही जान सकती हूं।”
नशे की हालत में तलाक बोल बेटे के साथ घर से निकाला
“शादी के 14 महीने ही हुए थे। मारपीट की बात मेरे परिवार तक पहुंच गई। इसी के चलते दोनों परिवारों के बीच रिश्ते बिगड़ने लगे। पता नहीं मेरा क्या गुनाह था। हमारा बेटा ढाई महीने का ही हुआ था। 13 अगस्त 2016 को शारिक किसी बात को लेकर झगड़ने लगा। वो नशे में था। उसने मुझे तीन तलाक बोल कर मेरे बेटे के साथ घर से निकाल दिया।”
रास्ते में भी पीछा करते हैं गुंडे, हर दिन दी जा रही है धमकी
सोफिया ने आगे कहा, “घर से निकाले जाने के बाद मैंने पहले शारिक और उसके परिवार के खिलाफ FIR दर्ज कराई। स्वरूप नगर में एक अपार्टमेंट में अपने बेटे के साथ रहने लगी। FIR के बाद वो मुझे जान से मारने की धमकियां देने लगे। उसके गुंडे जगह-जगह मेरा पीछा करने लगे। मेरी गाड़ी रोकने लगे। कई बार तो उसने मेरे अपार्टमेंट के नीचे आकर गाली गलौज की। हंगामा किया।”
फैमिली कोर्ट में रुखसती का केस कर वापस घर बुलाया
कानपुर ADG से मेरी शिकायत के बाद, 27 अगस्त 2016 को यानी घर से निकालने के 16 दिन बाद ही शारिक ने फैमिली कोर्ट में रुखसती का आवेदन देकर मुझे घर ले जाने की बात कही। उस आवेदन में मुझ पर कई तरह के आरोप भी लगाए। फैमिली कोर्ट में हमारी बातचीत होती रही। साल 2018 के आखिर तक मैं फिर से इनके घर आने जाने लगी। साल 2021 तक हम हसबैंड-वाइफ की तरह रहे।
मां की मौत के बाद कहा- भाजपा छोड़ो और घर नाम करो
सोफिया ने आगे कहा, “2021 में मेरी मां की डेथ हो गई। फिर मैंने शारिक से कहा कि मुझे घर पर परमानेंट कब बुलाया जाएगा। शारिक और उसके परिवार ने मुझसे कहा कि इसके लिए तुम्हें भाजपा, उसकी विचारधारा छोड़नी पड़ेगी। अपना कानपुर वाला फ्लैट मेरे नाम करना होगा। साल 2017 में मैंने बीजेपी ज्वाइन की थी। साल 2018 से 2021 तक में माइनॉरिटी कमीशन की सदस्य भी रही हूं। शारिक अराफात की बहन गजाला लारी बसपा और सपा पार्टी से 4 बार विधायक रह चुकी हैं। उनका बड़ा रसूख है। वो मुझे भी अपनी विचारधारा के साथ जोड़ना चाहते थे जो मुझे कतई मंजूर नहीं था। जब इन्होंने दोबारा इस तरह का बर्ताव करना शुरू किया तो मैंने अपने घर पर रहना शुरू कर दिया।”
उसके दूसरे निकाह का कार्ड देखा तो मेरे होश उड़ गए
फिर साल 2021 से अभी तक धमकियों का सिलसिला जारी है। मुझे शॉक तब लगा जब मैंने शारिक की दूसरी शादी का कार्ड देखा। कार्ड में शारिक की शादी की डेट 27 जनवरी 2023 लिखी हुई थी। कानूनी तौर पर बिना तलाक दिए वो शादी कैसे कर सकता था। हां, उसने मुझे अगस्त 2016 में तलाक-तलाक बोला था। तब देश में तीन तलाक के खिलाफ कोई कानून नहीं आया था। लेकिन इसके 14 दिन बाद ही उसने फैमिली कोर्ट में मुझे वापस घर ले जाने का एप्लीकेशन दिया था। फिर मैं उसके साथ रही भी। तो ये तलाक कानूनी कैसे हुआ?
इस्लाम में बिना तलाक औरतें दूसरी शादी नहीं कर सकतीं, लेकिन वो…
सोफिया कहती हैं कि दूसरी शादी की जानकारी लगते ही मैं कानपुर कमिश्नर बीपी जोगदंड के पास गई। उनसे शिकायत की। उन्होंने कहा- शारिक इस्लाम के मुताबिक दूसरी शादी कर रहा है। जब उसने तलाक दिया था। तब ट्रिपल तलाक के खिलाफ कोई कानून नहीं आया था। तुम मौलानाओं से लिखवा कर लाओ कि ये शादी इस्लाम के खिलाफ है।
सोफिया ने आगे कहा, “कमिश्नर की बात सुन मैं दो अलग-अलग मौलानाओं के पास गई। मौलानाओं को दस्तावेज के साथ पूरी बात बताई। लखनऊ के मौलाना ह. मसऊद हसन हसनी और फकत वल्लाहु आलम ने कुरआन के मुताबिक नाजायज ठहराते हुए फतवा जारी किया। उन्होंने लिखा, “इस्लाम के मुताबिक एक पुरुष 4 तक शादियां कर सकता है। लेकिन उसे अपनी चारों बीवियों और बच्चों की जिम्मेदारी उठानी होगी।
वो दूसरा निकाह तब तक नहीं कर सकता जब तक उसका पहली बीवी से पूरा मसला हल ना हो जाए। उससे पूरी तरह से तलाक न ले ले। बिना इस बात की परवाह किए कोई शख्स ऐसा करता है तो गुनहगार होगा। फतवा लेकर सोफिया फिर कमिश्नर के पास आई और पति की दूसरी शादी रुकवाने की दरखास्त की। सोफिया ने ये भी कहा कि वो प्राईवेटली भी किसी से शादी कर सकता है। दुबई जा सकता है। इस्लाम में बिना तलाक महिलाएं दूसरी शादी की हकदार नहीं हैं।
27 जनवरी को शादी नहीं होने दी, अपना हक मांगा
पति शारिक के दूसरे निकाह वाले दिन सोफिया पुलिस के साथ निकाह वाली जगह पहुंची। कमिश्नर के आदेश पर पुलिस भी उनके साथ थी। उन्होंने जाकर शादी को रुकवाया। सोफिया ने कहा, “दूसरी शादी के पहले मुझे अपने पूरे जेवरात, गाड़ी, आगे की जिंदगी बिताने के लिए कानूनी तौर पर पूरा हिस्सा और कानूनी तौर पर तलाक चाहिए। इसके बाद पुलिस ने शारिक अराफात पर FIR दर्ज की।”
कमिश्नर बीपी जोगदंड ने कहा, “ये मामला पहले से ही कोर्ट के पास है। बीच में दूसरी शादी को लेकर सोफिया ने शिकायत दर्ज कराई थी। कानूनी तौर पर फिलहाल हमने शारिक की दूसरी शादी को रुकवा दिया है। आगे की कार्रवाई माननीय अदालत करेगी। हम कानूनी तौर पर मदद देने के लिए हमेशा तत्पर हैं।”
पहला: शादी के बाद मेहर की रकम एक लाख रुपए सोफिया को उसी समय वापस दे दी थी। विदाई के दूसरे दिन ही सोफिया अपने मायके चली गई। फिर आती जाती रही।
दूसरा: सोफिया मुझे हर दिन घुमाने ले जाने को कहती थी। मेरे काम पर आने-जाने पर भी प्रतिबंध लगाती थी। विवाद करती थी।
तीसरा: शादी में मैंने कोई दान दहेज नहीं लिया। विवाह के बाद मैं सोफिया को बाद उमरा, सऊदी अरब घुमाने ले गया था। वहां की चमक-धमक देख कर वो मुझसे वहीं शिफ्ट होने के लिए कहती थी।
चौथा: मुझे अपना परिवार छोड़कर घर जमाई बनने को फोर्स करती थी। नहीं माना तो परिवार के साथ अभद्र व्यवहार किया। दोस्तों से बात करने तक पर पाबंदी लगाया थी। सोने-चांदी की मांग करती थी।
पांचवां: मेरी विधायक बहन के जरिए मुझ पर ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने का नाजायज दबाव बनाती थी। कुछ तो करवाए भी हैं। पिता से संपत्ति में अपना हिस्सा लेने का दबाव बनाती थी।
छठा: उसके कहीं भी आने-जाने पर किसी भी तरह की कोई पाबंदी ना हो इसलिए झगड़ती थी। समाज में बदनामी के डर से मैं उसकी सारी बातें बर्दाश्त करता रहा।
सातवां: रात को देर से आने पर मेरे चरित्र पर सवाल उठाती थी। गंदी बातें कहती थी। इसी तरह एक दिन जोर-जोर से चीख-चिल्ला कर मायके चली गई। सारे जेवरात और लॉकर की चाभी भी ले गई। मैं खुद उसे मायके छोड़ कर आया।
आठवां: सोफिया की बहनें भी ऐसी हैं। एक बहन ने विवाद करके पति से तलाक ले लिया है। बड़ी बहन ने शादी के बाद पति से झगड़ कर आत्महत्या कर ली है। इसके परिवार ने शादी को कमाई का जरिया बना रखा है।
नौवां: मैं सोफिया से प्यार करता हूं उसके बिना मेरा जीवन व्यर्थ ही है। अपनी गरज के चलते मायके में रह रही है। मैं उसे अपने साथ खुशहाल पत्नी की तरह रखना चाहता हूं।
दसवां: मैं न्यायालय से दरख्वास्त करता हूं कि पत्नी को मायके से ससुराल आने आदेश दिया जाए। साथ ही मुझे अपने पति होने का अधिकार दे।
पति का ये 2016 में रखा गया पक्ष था। इसके बाद दोनों के बीच बहुत कुछ बदला भी। बात दूसरी शादी और फिर उसे तुड़वाने की नौबत तक पहुंची। फिलहाल मामला अदालत में है।