झांसी के शिवाजी नगर में शनिवार को ट्रांसफॉर्मर पर काम करते वक्त लाइनमैन बृखभान जिंदा जल गया। घर में शादी की तैयारी थी, लेकिन उससे पहले ही मौत की खबर पहुंची तो मातम पसर गया। तेल चढ़ाई की रस्म भी नहीं हो पाई। दैनिक भास्कर ने बृखभान की मां विद्या देवी से बात की तो उन्होंने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े किए।
मां बताती हैं, “छोटे बेटे मुकेश की शादी थी। शनिवार शाम को तेल चढ़ाई की रस्म थी। बृखभान ने छुट्टी मांगी तो जेई ने मना कर दिया और काम पर बुला लिया। बोला कि रविवार से छुट्टी लेना। बृखभान को शादी की खरीदारी करनी थी, लेकिन वो काम पर चला गया। खरीदारी के लिए बड़े भाई को बोल दिया। घर पर ढोल बज रही थी, तभी एक फोन आया। फोन सुनते ही सीना फट गया। खबर थी कि मेरा बेटा बृखभान जिंदा जल गया। हमें विश्वास भी नहीं हुआ, हम लोग झांसी आ गए, लेकिन यहां मेरे बेटे की लाश मिली।”
हाथ-पैर जोड़ने पर मिली थी नौकरी
मृतक लाइनमैन 45 साल का बृखभान पाल रक्सा थाना क्षेत्र के राजापुर गांव का रहने वाला था। वह 10 साल से संविदा पर काम कर रहा था। मां बताती हैं, “पहले बृखभान नरिया बाजार पावर हाउस में था। वहां से हटा दिया। 8 माह तक वह घर बैठा रहा। घर की आर्थिक हालत इतनी अच्छी नहीं है। जैसे-तैसे उसको दोबारा रानीमहल पावर हाउस में संविदा पर नौकरी मिली। लेकिन, पैसा लेने के झूठे आरोप लगाकर नौकरी से निकाल दिया। हाथ-पैर जोड़ने पर न्यू गल्लामंडी पावर हाउस में फिर नौकरी मिल गई। यहां पर प्रताड़ना जारी थी। तीन साल से उसे ज्यादा परेशान किया जा रहा था।”
मां बोलीं- मैंने उसको कहा भी कि वे कहीं धोखा न कर दें
मां ने आगे बताया, “बेटे बृखभान को 3 साल से ज्यादा परेशान कर रहे थे। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए वो नौकरी नहीं छोड़ पा रहा था। आधी रात को फोन करे तो बेटा उठकर चला जाता था कि नौकरी न छूट जाए। शुक्रवार को बोला कि अब तो बहुत परेशान कर रहे हैं। मैंने उसको कहा भी कि वे धोखा न कर दें। तब बोला कि नहीं मम्मी, वे ऐसा नहीं करेंगे।
मैंने उसको कहा कि करेंगे। मुझे इनकी मनसा दिख रही है। तुम्हें इतना परेशान कर रहे हैं। तब बेटा कहने लगा कि मैं क्या करूं। मुझे बिजली का काम ही आता है। मैं यही काम कर पाता हूं और कुछ नहीं आता। उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं, इसलिए वह काम नहीं छोड़ पा रहा था।”
SSO पर दर्ज हुआ मुकदमा
शनिवार देर शाम तक चले प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने परिजनों की मांगें मान ली। परिजनों की तहरीर पर नवाबाद पुलिस ने SSO करण सिंह राजपूत के खिलाफ लापरवाही बरतने का मुकदमा दर्ज किया है। SSO ने ही शटडाउन होने के बावजूद बिजली सप्लाई चालू कर दी। इस वजह से ही बृखभान की मौत हुई है।
इसके अलावा विभाग की ओर से 5 लाख रुपए का चेक भी परिजनों को दे दिया गया। साथ ही पत्नी को नौकरी या पेंशन देने का भरोसा दिया गया है। इसके बाद ही परिजन शव को राजापुर ले गए और संस्कार किया।
लापरवाही के कारण जिंदा जल गया बृखभान
बृखभान न्यू गल्लामंडी पावर हाउस में कार्यरत था। शनिवार सुबह शिवाजी नगर ज्ञानस्थली स्कूल के पास ट्रांसफार्मर से तेल गिरने की शिकायत आई। तब शुभम, बृखभान, हेल्पर विनय राय, रवि श्रीवास और उमेश मौके पर पहुंचे। शटडाउन लेकर काम करने लगे। तभी एसएसओ ने बिजली सप्लाई चालू कर दी। इससे ट्रांसफार्मर पर बृखभान जिंदा जल गया। बाकी 4 साथी बच गए थे।
घटना के बाद वह 20 मिनट तक ट्रांसफार्मर पर ही जलता रहा। साथियों ने ही लाठियों की मदद से किसी तरह लाइनमैन को ट्रांसफॉर्मर से नीचे खींचा। लोगों ने आग बुझाई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसके साथी लाइनमैन शुभम ने बताया, “आज सुबह हम पावर हाउस में थे। तभी SSO ने कहा कि शिवाजी नगर ज्ञानस्थली स्कूल के पास ट्रांसफॉर्मर से तेल गिरने की शिकायत आई है। इस पर मैं, बृखभान, हेल्पर विनय राय, रवि श्रीवास और उमेश के साथ मौके पर पहुंचा। वहां तेल गिर रहा था।” शुभम ने बताया, ”ट्रांसफार्मर की मरम्मत के लिए मैंने फोन कर SSO से शटडाउन ले लिया। इसके बाद मैं बृखभान के साथ ट्रांसफॉर्मर के ऊपर काम करने लगा, जबकि तीनों हेल्पर नीचे एलटी पर काम कर रहे थे। काम करते हुए हमने अपने वॉट्सऐप ग्रुप पर फोटो भी डाला। 10 मिनट बाद ही अचानक 11केवी की बिजली सप्लाई चालू हो गई।
करंट के झटके से मैं दूर जा गिरा और बृखभान ट्रांसफार्मर में चिपट गए। नीचे काम कर रहे तीनों हेल्पर भी बच गए। इसके बाद मैंने पावर हाउस में फोन लगाया, तो काफी देर तक बिजी आया। इसके बाद फिर से शटडाउन किया गया। हमारे देखते ही देखते बृखभान आग में जलने लगा। किसी तरह हमने उसको लाठियों की मदद से नीचे उतारा। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।”
साथियों में आक्रोश, हड़ताल पर बैठे
बृखभान की मौत की खबर से बिजली के संविदाकर्मी आक्रोशित हो गए। 16 पावर हाउस के संविदाकर्मी मेडिकल कॉलेज में एकजुट हो गए और घटना पर रोष जताया। बिजली कर्मियों और परिजनों ने पोस्टमॉर्टम के बाद शाम को जाम लगा दिया था। वे लोग कानपुर रोड पर शव लेकर बैठ गए थे। उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक शव नहीं लेकर जाएंगे।
विद्युत संविदा मजदूर संगठन के अध्यक्ष सुंदर लाल का कहना है कि शटडाउन होने के बावजूद बिजली सप्लाई शुरू होना बड़ी लापरवाही है। सरकार की तरफ से 5 लाख रुपए मुआवजा मिलता है। लेकिन, इतनी राशि में कुछ नहीं होता। उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि परिवार को 50 लाख मुआवजा, पत्नी को सरकारी नौकरी मिले और लापरवाही कर्मचारी पर कार्रवाई हो। इसके बाद ही हम शव लेकर जाएंगे।
वर्तमान में बृखभान झांसी में पानी वाली धर्मशाला के पास किराए के मकान में रह रहा था। उसके साथ पत्नी विनीता और दो बच्चे (10 साल की बेटी निधि और 7 साल का बेटा हेमंत) भी रहते हैं।
कर्मचारियों ने पावर हाउस से फीडरों की बिजली काटी
पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों और बिजली कर्मचारियों ने शव रखकर कानपुर रोड पर करीब एक घंटे जाम लगाया। इसके बाद वे शव को डीएम आवास पर ले जाना चाहते थे। तब पुलिस ने उनको कानपुर चुंगी पर रोक लिया और समझाया। लेकिन वे नहीं माने और शव लेकर न्यू गल्लामंडी पावर हाउस पहुंच गए। यहां फिर से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने लगे।
आक्रोशित बिजली कर्मचारियों ने अंदर जाकर पावर हाउस से सभी फीडरों की सप्लाई बंद कर दी। इससे शिवाजी नगर, नारायण बाग, भगवंतपुरा समेत 7 फीडरों की बिजली ठप हो गई। करीब ढाई घंटे तक महानगर के कई कॉलोनी अंधेरे में डूबी रही। मांगे माने जाने के बाद देर शाम परिजन शव राजापुर गांव ले गए। वहां गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार हुआ।